Parliament Monsoon Session: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दीपेंद्र हुड्डा के तीखें सवाल, कहा- 11 साल से दुनिया घूमने का क्या फायदा हुआ? संसद में की इस कंपनी को बंद करने की मांग
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दीपेंद्र हुड्डा के तीखें सवाल, Deepender Hooda urges govt to shut Donald Trump's mouth or shut down McDonald's
नई दिल्ली: Parliament Monsoon Session: कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों पर सरकार को जवाब देकर उनका मुंह बंद करवाना चाहिए या फिर भारत में अमेरिकी ब्रांड ‘मैकडोनाल्ड्स’ को बंद करवाए क्योंकि ये दोनों साथ नहीं चल सकते। उन्होंने सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा में भाग लेते हुए दावा किया कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद कोई देश भारत के साथ खड़ा नहीं हुआ।
हुड्डा ने कहा, ‘‘ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हमारी सेना ने अपना पराक्रम दिखाया और जब हम पाकिस्तान पर हावी थे, तो युद्धविराम कर दिया गया। देश चाहता था कि पाकिस्तान को वैसा ही जवाब दिया जाए, जैसा 1971 में इंदिरा गांधी जी ने दिया था। पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब पाकिस्तान घुटनों पर था, तो आपसे पहले अमेरिका की ओर से किए गए एक ट्वीट ने युद्धविराम की घोषणा कर दी। ऐसे में आपको देश को बताना चाहिए कि युद्ध विराम की क्या शर्तें थीं?’’ हुड्डा ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने 28 बार कहा है कि उन्होंने व्यापार की धमकी देकर युद्धविराम करवाया।
उनका कहना था, ‘‘ट्रंप यहीं नहीं रुके, उन्होंने भारत के जहाज गिरने और कश्मीर मुद्दे तक का जिक्र किया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार भी उनकी बातों का खंडन नहीं किया।’’ कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘अमेरिका, भारत के साथ पाकिस्तान की बराबरी नहीं कर सकता। इसलिए सरकार को एक रास्ता चुनना होगा कि या तो हाथ मिलाओ या आंख दिखाओ। सरकार या तो डोनाल्ड ट्रंप को जवाब देकर उनका मुंह बंद करे या फिर हिंदुस्तान में अमेरिका के ‘मैकडोनाल्ड्स’ बंद करवाए। ये दोनों चीजें साथ-साथ नहीं चल सकतीं।’’ उन्होंने पहलगाम हमले के बाद सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल नहीं होने की आलोचना की।
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आपका 11 साल से दुनिया घूमने का क्या फायदा हुआ
Parliament Monsoon Session: कांग्रेस सांसद ने कहा कि विदेश मंत्रालय का काम दुनिया में भारत के मित्र राष्ट्रों की संख्या बढ़ाना काम होता है। कितने देश आपके साथ खड़े हुए और कितनों ने पाकिस्तान का साथ दिया, बताइए? एक देश का नाम बताओ, जिसने आतंकी घटना के साथ पाकिस्तान की भी निंदा की हो। पाकिस्तान के साथ चीन, तुर्की, अजरबैजान समेत कई देश थे। आपने 11 साल में जो विदेश भ्रमण किया, उसका सच यह है कि आपको सांसदों के प्रतिनिधिमंडल पर आना पड़ा। आप 11 साल से दुनिया घूम कर क्या कर रहे थे? आईएमएफ ने पाकिस्तान को एक बिलियन का लोन तब दिया, जब टकराव चल रहा था। विश्व बैंक ने 40 बिलियन डॉलर का निवेश प्रस्ताव पारित किया। पाकिस्तान को काउंटर टेररिज्म का को-चेयरमैन बनाया गया।’
विदेश मंत्री का काम स्कूल, कॉलेज या सड़क बनाना नहीं, दुनिया में अपने दोस्त मुल्कों की संख्या बढ़ाना होता है।
मोदी सरकार की 11 साल की विदेश नीति की सच्चाई तब सामने आ गई, जब पाकिस्तान के साथ टकराव की स्थिति पैदा हुई।
⦁ कितने देश आपके साथ खड़े हुए?
⦁ एक देश का नाम बताएं, जिसने… pic.twitter.com/Jem6p5xHed— Congress (@INCIndia) July 28, 2025

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