कश्मीरी कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिला, 14 पन्नों का ज्ञापन सौंपा |

कश्मीरी कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिला, 14 पन्नों का ज्ञापन सौंपा

कश्मीरी कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री से मिला, 14 पन्नों का ज्ञापन सौंपा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:10 PM IST, Published Date : April 5, 2022/8:12 pm IST

नयी दिल्ली, पांच अप्रैल (भाषा) कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (केसीसीआई) के अध्यक्ष शेख आशिक के नेतृत्व में कारोबारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और 14 पन्नों का एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें घाटी की अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए समर्थन मांगा गया है।

प्रतिनिधिमंडल में होटलियर क्लब के अध्यक्ष मुश्ताक छाया, जम्मू कश्मीर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन (जेकेएचएआरए) के अध्यक्ष शौकत चौधरी और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, कश्मीर चैप्टर के अध्यक्ष बलदेव सिंह राणा शामिल थे। बैठक का समन्वय जम्मू कश्मीर वक्फ के अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी ने किया। आशिक ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के साथ हमारी बहुत अच्छी बैठक हुई और व्यापार, वाणिज्य और उद्योग से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।’’

उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने स्थानीय व्यापार के पुनरुद्धार, आर्थिक सुधारों तथा श्रीनगर और शारजाह, दुबई और जेद्दा के बीच और अधिक अंतरराष्ट्रीय सीधी उड़ानों की आवश्यकता के अलावा पहले से घोषित ‘मॉडल कारपेट विलेज’ की जल्द स्थापना से संबंधित विभिन्न मुद्दों को उठाया।

आशिक ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि कश्मीर में कारोबार के विकास के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएंगे और हम जल्द ही कुछ अच्छी घोषणा की उम्मीद कर रहे हैं।’’

केसीसीआई ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हुए कुल नुकसान के कारण स्थानीय व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की कार्यशील पूंजी और वित्त पर अभूतपूर्व दबाव पड़ा है। संगठन ने निर्यात उद्योग की ओर झुकाव रखने वाले युवाओं के लिए आकर्षक योजनाओं, पश्मीना शॉल, कालीन, लकड़ी की नक्काशी जैसी सभी हस्तनिर्मित वस्तुओं पर करों में छूट का भी आह्वान किया।

होटल उद्योग के मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए केसीसीआई ने तीन साल के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) माफी और पहलगाम और गुलमर्ग के प्रसिद्ध पहाड़ी रिसॉर्ट के मालिकों को भूमि पट्टे के विस्तार की मांग की, जिन्हें ‘‘अपरिहार्य परिस्थितियों’’ के कारण भारी नुकसान हुआ है।

ज्ञापन में कृषक समुदाय के कल्याण के लिए हिमाचल प्रदेश मॉडल को अपनाने की आवश्यकता और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम(एमएसएमई) योजना की समीक्षा पर भी प्रकाश डाला गया।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश

 

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