दिल्ली चुनाव में 60 सीटें जीतकर केजरीवाल फिर मुख्यमंत्री बनेंगे : संजय सिंह |

दिल्ली चुनाव में 60 सीटें जीतकर केजरीवाल फिर मुख्यमंत्री बनेंगे : संजय सिंह

दिल्ली चुनाव में 60 सीटें जीतकर केजरीवाल फिर मुख्यमंत्री बनेंगे : संजय सिंह

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Modified Date: February 4, 2025 / 07:14 PM IST
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Published Date: February 4, 2025 7:14 pm IST

नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा में आरोप लगाया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में धांधली की जा रही है और मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव में 60 सीटें जीतकर अरविंद केजरीवाल एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे।

सिंह उच्च सदन में राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदाताओं के बीच जूते, चादर और अन्य वस्तुओं का वितरण किया गया है। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए हजारों आवेदन जमा किए हैं।

सिंह ने यह भी दावा किया कि कुछ भाजपा नेताओं के घरों में मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हुयी है। उन्होंने सवाल किया कि ऐसे माहौल में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कैसे संभव है।

भाजपा सदस्यों की टोकाटोकी के बीच सिंह ने विभिन्न आंकड़े पेश किए, जिस पर आसन ने उन्हें अपने आंकड़े सत्यापित करने का निर्देश दिया।

सिंह ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद भी केंद्र सरकार ने चीन के साथ व्यापार में खासी वृद्धि की।

आयुष्मान योजना में भारी भ्रष्टाचार होने का दावा करते हुए सिंह ने कहा कि एक ही मोबाइल फोन नंबर पर लाखों लोगों का पंजीकरण किया गया। उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में कराए गए विभिन्न कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी फिर सत्ता में आएगी और 60 सीट लेकर केजरीवाल मुख्यमंत्री बनेंगे।

चर्चा में भाग लेते हुए बीजू जनता दल (बीजद) सदस्य सस्मित पात्रा ने अभिभाषण को वास्तविकता से दूर बताया। वहीं जनता दल (यू) नेता संजय कुमार झा ने बजट में बिहार के लिए की गयी घोषणाओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि एक समय बिहार ‘लेबर कॉलोनी’ बन गया था और नयी परियोजनाओं के कार्यान्वयन से राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

शिवसेना (उबाठा) सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कुंभ में भगदड़ के बाद हजारों लोग लापता हैं और सरकार को इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों के नतीजों में फर्क को लेकर लोगों में संदेह है। उन्होंने कहा कि एक ही इमारत में सात हजार मतदाताओं को पंजीकरण हो गया, जिससे संदेह पैदा होता है।

कांग्रेस के शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि अभिभाषण में न तो दिशा है और न ही कोई दृष्टि। उन्होंने अग्निवीर योजना का विरोध करते हुए कहा कि इस योजना के जरिए सेना में भर्ती होने वाले जवानों को मौत होने की स्थिति में न तो शहीद का दर्जा मिलता है और न ही उनके परिवार को सुविधाएं ही मिलती हैं। उन्होंने मांग की कि जवानों को गुणवत्तापूर्ण साजोसामान मुहैया कराए जाने चाहिए।

गोहिल ने भी कुंभ मेले में मारे गए लोगों का ब्योरा जारी किए जाने की मांग की। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का जिक्र किया और सरकार से प्रभावी कदम उठाए जाने की मांग की।

चर्चा में भाग लेते हुए बीजू जनता दल के निरंजन बिशी ने आदिवासी बच्चों की शिक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि देश में एकलव्य विद्यालयों की संख्या बढ़ायी जानी चाहिए।

आम आदमी पार्टी के अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण एक ‘बैलेंस शीट (तुलन पत्र) के रूप में होना चाहिए जिसमें परिसंपत्तियों के साथ साथ देनदारी के बारे में बताया जाना चाहिए ताकि लोगों को देश की अर्थव्यवस्था के बारे में पता चल जाएगा।’

उन्होंने कहा कि ‘ऑल इज वैल (सब कुछ बढ़िया है)’ का रुख रखने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि किसानों के मामले में सरकार को गंभीरता दिखाते हुए उनके मुद्दों का समाधान निकालना चाहिए।

मित्तल ने कहा कि आज बेरोजगारी इतनी बढ़ गयी है और निर्माण इकाइयां इतनी तेजी से बंद हो रही हैं कि आगे रोजगार के अवसर कैसे उत्पन्न होंगे, इसको लेकर सभी के मन में चिंताएं हैं।

मनोनीत गुलाम अली ने कहा कि आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें यह बात स्वीकार नहीं हो रही है कि देश के शीर्ष पद पर एक आदिवासी महिला बैठी है। उन्होंने कहा कि पूरे देश को राष्ट्रपति का सम्मान करना चाहिए।

उन्होंने प्रयागराज में चल रहे महाकुम्भ में भगदड़ में लोगों की मौत होने का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं पूर्व में कुंभ में होती रही हैं। उन्होंने कहा कि किसी की भी मौत होना दुखद है और इसे एक मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।

चर्चा में भाजपा के अशोकराव चव्हाण, राकांपा (एसपी) की डॉ. फौजिया खान, तमिल मनीला कांग्रेस (एम) के जी के वासन, एमडीएमके के वाइको, निर्दलीय अजीत कुमार भूइयान, केसी (एम) के जोस के मणि, माकपा के एए रहीम, भाकपा के संदोष कुमार पी, यूपीपी (एल) के रवंगवरा नारजारी ने भी भाग लिया।

भाषा माधव अविनाश

माधव

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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