दिल्ली वन विभाग ने पहले शहरी वन्यजीव गलियारा की प्रक्रिया शुरू की

दिल्ली वन विभाग ने पहले शहरी वन्यजीव गलियारा की प्रक्रिया शुरू की

  •  
  • Publish Date - July 15, 2021 / 12:26 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:13 PM IST

नयी दिल्ली, 15 जुलाई (भाषा) दिल्ली वन विभाग के अधिकारियों ने एक सर्वेक्षण पूरा करने के बाद असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य के पास सूरजकुंड-पाली मार्ग पर वन्यजीव गलियारे के निर्माण की अनुशंसा सौंपी की है। यह भारत में शहरी परिवेश में इस तरह का पहला मार्ग होगा।

बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के दिल्ली प्रमुख सोहेल मदान के मुताबिक, वन्यजीव अभयारण्यों के बीच से या सटे रास्टों से गुजरते हुए पिछले पांच वर्षों में करीब पांच तेंदुए मारे गए।

वन विभाग ने वन्यजीव गलियारे की जरूरत पर तब जोर देना शुरू कर दिया जब दो वर्ष की मादा तेंदुआ को 28 जून को दिल्ली-हरियाणा सीमा पर पाली रोड पर एक वाहन ने कुचल कर मारा डाला था।

दिल्ली वन विभाग के अधिकारियों ने यह मामला हरियाणा के अपने समकक्षों के सामने उठाया और उन्होंने भी मामले को प्राथमिकता दिया जाना स्वीकारा।

वन विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “28 जून की घटना के बाद, हमने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) से पाली-सूरजकुंड मार्ग पर वन्य जीवों के लिए सुरक्षित रास्ते के निर्माण के लिए व्यावहार्यता सर्वेक्षण करने को कहा। डीएमआरसी ने एक अंडरपास बनाने का सुझाव दिया है।”

उन्होंने बताया, “इस हफ्ते की शुरुआत में, हमने इस संबंध में मुख्य वन्यजीव वार्डन को अनुशंसा सौंपी। इस मुद्दे को प्राथमिकता से लिया गया है।”

अधिकारी ने कहा कि सूरजकूंड-पाली मार्ग जहां 28 जून की घटना हुई थी, वह छोटा सा मार्ग दिल्ली के दायरे में आता है, इसलिए शहर की सरकार गलियारे का निर्माण करेगी और इसमें हरियाणा की कोई भूमिका नहीं होगी।

मदान ने कहा कि वन्यजीव गलियारा के लिए बेहतर विकल्प ऊंची सड़क होगी जो वन्यजीवों को जमीनी स्तर पर रास्ता देगी।

भाषा

नेहा माधव

माधव