दिल्ली सरकार एसयूपी प्रतिबंध पर इको-क्लब सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगी

दिल्ली सरकार एसयूपी प्रतिबंध पर इको-क्लब सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगी

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  • Publish Date - July 4, 2022 / 07:45 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) एकल-उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) वस्तुओं पर हाल ही में लागू प्रतिबंध के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार राजधानी में विभिन्न इको-क्लबों के सदस्यों को प्रशिक्षण प्रदान करेगी।

19 जुलाई को यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के सहयोग से आयोजित किया जाएगा । बता दें कि दिल्ली में करीब दो हज़ार इको-क्लब हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि इको क्लब के सदस्य राजधानी में पर्यावरण पर एसयूपी के प्रभाव और इसके उपलब्ध विकल्पों के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद करेंगे।

रविवार को, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि प्रतिबंध के तहत आने वाली वस्तुओं को लेकर जनता और यहां तक कि कुछ सरकारी एजेंसियों में भ्रम है।

उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि एसयूपी वस्तुओं पर प्रतिबंध का मतलब प्लास्टिक कैरी बैग पर प्रतिबंध है और इसलिए जनता में जागरूकता पैदा करने की तत्काल आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि 75 माइक्रोन से अधिक मोटाई वाले प्लास्टिक कैरी बैग प्रतिबंध के दायरे में नहीं आते हैं। हालांकि, 31 दिसंबर से मोटाई बढ़ाकर 120 माइक्रोन की जाएगाी।

मंत्री ने पहले कहा था कि सरकार अपनी प्रवर्तन टीमों के लिए एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगी, ताकि प्रतिबंधों को लागू करने में कोई परेशानी न हो।

उन्होंने कहा कि यदि प्रतिबंधित उत्पादों के उपयोग के लिए कार्रवाई की जाती है तो शिकायत दर्ज करने के लिए एक सहायता नंबर भी जारी किया जाएगा।

राजस्व विभाग और डीपीसीसी ने प्रतिबंध को लागू करने के लिए क्रमशः 33 और 15 टीमों का गठन किया है।

दिल्ली सरकार ने 10 जुलाई तक प्रतिबंध का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया है। साथ ही एसयूपी वस्तुओं के खिलाफ जागरूकता पैदा करने और उनके विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया है।

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई में एक लाख रुपये तक का जुर्माना या पांच साल तक की जेल या दोनों शामिल होंगे।

गोपाल राय ने कहा था, सरकार जागरूकता पैदा करने और लोगों को एसयूपी विकल्प प्रदान करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी।

दिल्ली में प्रतिदिन 1,060 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है। राजधानी में कुल ठोस कचरे का 5.6 प्रतिशत (या 56 किलो प्रति मीट्रिक टन) एकल उपयोग प्लास्टिक होने का अनुमान है।

1 जुलाई से देश भर में पॉलीस्टाइनिन और विस्तारित पॉलीस्टाइनिन सहित पहचान की गई एसयूपी वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।

एसयूपी वस्तुओं में ईयरबड, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक की छड़ें, झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक या पीवीसी बैनर और रैपिंग या पैकेजिंग शामिल हैं।

भाषा

फाल्गुनी नरेश

नरेश