दिल्ली उच्च न्यायालय ने सांसद रशीद की याचिका पर खंडित फैसला सुनाया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सांसद रशीद की याचिका पर खंडित फैसला सुनाया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सांसद रशीद की याचिका पर खंडित फैसला सुनाया
Modified Date: November 7, 2025 / 03:58 pm IST
Published Date: November 7, 2025 3:58 pm IST

नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के सांसद अब्दुल रशीद शेख की एक याचिका पर शुक्रवार को खंडित फैसला सुनाया। उन्होंने याचिका में उस आदेश में संशोधन का अनुरोध किया था, जिसमें उन्हें हिरासत में रहते हुए संसद सत्र में शामिल होने के लिए जेल अधिकारियों के पास लगभग चार लाख रुपये जमा करने को कहा गया था।

न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने रशीद की याचिका खारिज कर दी, जबकि न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने इसे स्वीकार कर लिया।

दोनों न्यायाधीशों ने फैसला सुनाते हुए कहा, ‘‘हम एक-दूसरे से सहमत नहीं हो पाए हैं। हमने दो अलग-अलग फैसले दिए हैं। उचित आदेश के लिए इसे मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जायेगा।’’

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न्यायमूर्ति चौधरी ने कहा, ‘‘मेरे भाई (जे भंभानी) ने आवेदन स्वीकार कर लिया है। मैंने इसे अस्वीकार कर दिया।’’

उच्च न्यायालय रशीद की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें 25 मार्च को एक समन्वय पीठ द्वारा पारित उस आदेश में संशोधन का अनुरोध किया गया था, जिसमें उन्हें हिरासत में रहते हुए संसद सत्र में भाग लेने के लिए जेल अधिकारियों के पास लगभग चार लाख रुपये जमा करने के लिए कहा गया था।

बारामूला के सांसद पर आतंकी वित्त पोषण के मामले में मुकमदे का सामना कर रहे हैं, जिसमें आरोप है कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अलगाववादियों और आतंकी समूहों को वित्त पोषण किया।

वर्ष 2017 के आतंकी वित्त पोषण मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से वह 2019 से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। पिछले साल सितंबर में उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए एक महीने की अंतरिम ज़मानत दी गई थी।

एनआईए की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि रशीद का नाम व्यवसायी और सह-आरोपी जहूर वटाली से पूछताछ के दौरान सामने आया था।

अक्टूबर, 2019 में आरोप-पत्र दाखिल होने के बाद, एक विशेष एनआईए अदालत ने मार्च 2022 में रशीद और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 120बी (आपराधिक साजिश), 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना) और 124ए (राजद्रोह) के तहत और यूएपीए के तहत आतंकवादी कृत्यों और आतंकी वित्तपोषण से संबंधित अपराधों के लिए आरोप तय किये थे।

भाषा

देवेंद्र दिलीप

दिलीप


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