‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय में 25 अगस्त को सुनवाई |

‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय में 25 अगस्त को सुनवाई

‘अग्निपथ’ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय में 25 अगस्त को सुनवाई

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : July 20, 2022/3:55 pm IST

नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए लायी गई अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर वह 25 अगस्त को सुनवाई करेगा, क्योंकि उच्चतम न्यायालय द्वारा हस्तांतरित की गयी फाइल उसे मिलनी अभी बाकी है।

न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सूचित किया कि शीर्ष अदालत ने इस योजना को चुनौती देने वाली अपने समक्ष लंबित सभी याचिकाएं यहां 19 जुलाई को हस्तांतरित कर दी थी।

शीर्ष अदालत ने केरल, पंजाब एवं हरियाणा, पटना और उत्तराखंड उच्च न्यायालयों को इस योजना के खिलाफ उनके समक्ष दायर सभी जनहित याचिकाओं को या तो दिल्ली उच्च न्यायालय हस्तांतरित करने या तब तक स्थगित रखने को कहा था, जब तक कि दिल्ली उच्च न्यायालय अपना निर्णय नहीं सुना देता।

दिल्ली उच्च न्यायालय की पीठ ने बुधवार को कहा कि हस्तांतरित याचिकाएं उसके पास नहीं पहुंची हैं।

गौरतलब है कि सरकार ने 14 जून को ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी। योजना के तहत साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष तक की आयु के युवाओं को सिर्फ चार साल के लिए सशस्त्र बलों में भर्ती करने का प्रावधान किया गया है। इनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा। सरकार ने बाद में 2022 में इस योजना के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।

पीठ ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय में दायर याचिकाएं अभी इस अदालत की रजिस्ट्री को प्राप्त होनी बाकी हैं। अन्य उच्च न्यायालयों में दायर याचिकाओं को उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप अपने विकल्प चुनने का वक्त दिया जाए।’’

भाषा सुभाष सुरेश

सुरेश

 

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