दिल्ली विधि विभाग ने नियमों के उल्लंघन का हवाला दे वकीलों के बिल पास करने से किया इनकार

दिल्ली विधि विभाग ने नियमों के उल्लंघन का हवाला दे वकीलों के बिल पास करने से किया इनकार

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  • Publish Date - November 29, 2022 / 09:26 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:26 PM IST

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) दिल्ली सरकार के कानून विभाग ने “वित्तीय नियमों का पालन न करने” और मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा कथित रूप से वकीलों के काम की शर्तों के उल्लंघन के कारण कई करोड़ रुपये के वकीलों के बिलों को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार द्वारा काम पर रखे गए वकीलों के भुगतान को रोकना “गलत” है और दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के कामों में बाधा डालने के लिए उपराज्यपाल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया।

सूत्रों ने कहा कि विधि विभाग ने जिन बिलों का भुगतान रोका है, उनमें दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं का – 15.5 लाख रुपये और 9.8 लाख रुपये- बिल भी शामिल है। सूत्रों के मुताबिक विभाग ने कहा कि यह अनुभवी ‘एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड’ की सेवा लेने के लिए खुद आप सरकार द्वारा तैयार “नियमों का घोर उल्लंघन” है।

एक सूत्र ने कहा कि प्रधान सचिव (विधि) ने कानून मंत्री, दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को दिल्ली सरकार के कामकाज संबंधी नियमावली के नियम 57 के तहत एक रिपोर्ट सौंपी हैं और नियमों के उल्लंघन के चलते बिलों को मंजूरी देने में विभाग की असमर्थता व्यक्त की है।

सूत्रों ने आगे दावा किया कि विभाग विभिन्न मामलों में कानून मंत्री गहलोत द्वारा “उचित प्रक्रिया” का पालन किए बिना सीधे कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं की नियुक्ति पर भी असहमत है।

केजरीवाल ने कहा कि लोग सरकार के कामों में बाधा डालने वालों को वोट नहीं देते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि वे सिर्फ अवरोध पैदा करते रहते हैं, उन्होंने पहले योग कक्षाएं बंद कर दीं और अब उन्होंने वकीलों को भुगतान बंद कर दिया है।

उन्होंने कहा, “उपराज्यपाल ने पिछले छह महीनों में कई परियोजनाओं को रोक दिया है और वे जल्द ही एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) चुनावों में इन अवरोध का परिणाम देखेंगे।”

उन्होंने कहा कि लोग काम करने वालों को पसंद करते हैं, बाधा खड़ी करने वालों को नहीं।

भाषा

प्रशांत दिलीप

दिलीप