दिल्ली पुलिस ने अमित शाह के फर्जी वीडियो के स्रोत के बारे में सोशल मीडिया मंचों से जानकारी मांगी

दिल्ली पुलिस ने अमित शाह के फर्जी वीडियो के स्रोत के बारे में सोशल मीडिया मंचों से जानकारी मांगी

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  • Publish Date - April 29, 2024 / 04:49 PM IST,
    Updated On - April 29, 2024 / 04:49 PM IST

नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) दिल्ली पुलिस ने ‘एक्स’ और अन्य सोशल मीडिया मंचों को पत्र लिखकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस फर्जी वीडियो के स्रोत के बारे में जानकारी मांगी है, जिसे ऑनलाइन साझा किया गया था। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सोशल मीडिया मंचों पर शाह का फर्जी वीडियो फैलाए जाने के सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने रविवार को इस सिलसिले में मामला दर्ज किया था।

कथित फर्जी वीडियो में, तेलंगाना में धार्मिक आधार पर मुसलमानों के लिए आरक्षण समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताने का संकेत देने संबंधी शाह के बयान को तोड़-मरोड़कर इस तरह दिखाया गया है जैसे कि वह हर तरह का आरक्षण समाप्त करने की वकालत कर रहे हों।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने वीडियो के स्रोत और इसे फैलाने वालों की पहचान करने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया मंचों से संपर्क किया है।

सूत्रों ने कहा, ‘‘मामले की उपयुक्त जांच करने और दोषियों को पकड़ने के लिए हमने कई अलग-अलग टीम बनाई है। हमने वीडियो के संबंध में ‘एक्स’ और अन्य सोशल मीडिया मंचों को पत्र लिखा है। हम वीडियो के स्रोत और इसके व्यापक प्रसार के लिए जिम्मेदार लोगों, दोनों की ही छानबीन कर रहे हैं।’’

दिल्ली पुलिस ने इस सिलसिले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 153ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 465 (जालसाजी), 469 (किसी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए जालसाजी) और 171जी (चुनाव के परिणाम को प्रभावित करने के इरादे से गलत बयान प्रकाशित करना) के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66सी के तहत मामला दर्ज किया है।

प्राथमिकी के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने अपनी शिकायत में कहा कि यह पाया गया है कि फेसबुक और ‘एक्स’ के उपयोगकर्ताओं द्वारा कुछ फर्जी वीडियो फैलाए जा रहे हैं।

प्राथमिकी के मुताबिक, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है, समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है, इससे लोक व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना है। अनुरोध है कि कानून के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए।’’

भाषा रवि कांत सुभाष

सुभाष