नयी दिल्ली, 14 मई (भाषा) भीषण गर्मी में यमुना नदी सूखने और हरियाणा सरकार द्वारा आपात संदेश (एसओएस) का जवाब नहीं देने के बीच दिल्ली में पेयजल की मांग को मुश्किल से पूरा किया जा रहा है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
वजीराबाद जलाशय का जलस्तर कम होकर 670.70 फुट रह गया है, जो इस साल का सबसे निचला स्तर है। बृहस्पतिवार को यह 671.80 फुट था।
पिछले वर्ष 11 जुलाई को जलाशय का स्तर 667 फुट तक कम हो गया था, जिसके बाद दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने उच्चतम न्यायालय का रुख कर हरियाणा सरकार को यमुना में अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
दिल्ली जल बोर्ड ने इस संबंध में 12 मई, तीन मई और 30 अप्रैल को हरियाणा सिंचाई विभाग को पत्र लिखा था।
अधिकारियों के मुताबिक, पड़ोसी राज्य की ओर से इस संबंध में कोई जवाब नहीं आया है।
दिल्ली जल बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि वजीराबाद, चंद्रवाल और ओखला जल शोधन संयंत्रों की उत्पादन क्षमता घटकर 85 प्रतिशत रह गई है। उन्होंने कहा कि रविवार को यह और घटकर 75 फीसदी पर आ सकती है।
डीजेबी ने उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी है, वहां अतिरिक्त टैंकरों की व्यवस्था की है और नलकूपों के जरिये पानी की आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
भाषा
देवेंद्र उमा
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