नयी दिल्ली, 28 सितंबर (भाषा) दंगों के एक मामले में दिल्ली पुलिस के ‘बहुत ही लापरवाह तरीके से’ सुनवाई स्थगित करने के अनुरोध से नाराज एक स्थानीय अदालत ने पुलिस आयुक्त को इसकी जांच करने और दोषी अधिकारी के वेतन से 5,000 रुपये काटने का निर्देश दिया।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने उसके पिछले आदेश का अनुपालन करने में पुलिस के विफल रहने के बाद जुर्माना लगाया। अदालत ने पिछले आदेश में जांच अधिकारी (आईओ) को एक आरोपी को ई-चालान की एक प्रति प्रदान करने का निर्देश दिया था और पुलिस ने इसकी प्रति उपलब्ध कराने के लिये मामला स्थगित करने का अनुरोध किया था।
न्यायाधीश ने कहा, “इन परिस्थितियों में, 12 अप्रैल, 2021 के आदेश के अनुपालन के लिए स्थगन का अनुरोध स्वीकार किया जाता है बशर्ते दिल्ली पुलिस द्वारा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में 5,000 रुपये जुर्माना जमा कराया जाए।”
न्यायाधीश ने कहा कि विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) और आईओ निर्धारित तारीखों पर मामलों में पेश नहीं होते हैं और जब वे पेश होते हैं, तो फाइल का निरीक्षण किए बिना पेश हो जाते हैं और फिर “बहुत ही बेढंगे तरीके से” सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध करते हैं।
भाषा नेहा अनूप
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