पान मसाला का विज्ञापन करने वाले अभिनेताओं के पुरस्कार वापस लेने की लोकसभा में उठी मांग
पान मसाला का विज्ञापन करने वाले अभिनेताओं के पुरस्कार वापस लेने की लोकसभा में उठी मांग
नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) पान मसाला और गुटके को बढ़ावा देने के लिए इनका विज्ञापन कर रहे फिल्म अभिनेताओं को उनके बेहतर अभिनय के लिए मिले पुरस्कार वापस लिए जाने की मांग शुक्रवार को लोकसभा में उठी।
निचले सदन में गुजरात में शराबबंदी खत्म करने का मुद्दा भी उठाया गया।
पान मसाला पर उपकर लगाने संबंधी ‘स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक 2025’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के हनुमान बेनीवाल ने कहा कि किसी मामले में कानून बनाने से ज्यादा महत्वपूर्ण उस पर अमल करना होता है।
उन्होंने कहा कि देश में तमाम ऐसे कानून हैं, जिसका खुलेआम उल्लंघन होता है और ऐसे में अनुपालन के अभाव में कानून बनाने का उद्देश्य विफल हो जाता है।
बेनीवाल ने शाहरूख खान, अजय देवगन और सलमान खान जैसे मशहूर अभिनेताओं के नाम का सीधा उल्लेख करते हुए कहा कि ‘‘ऐसे अदाकार विज्ञापन के जरिये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पान मसाला और गुटकों के सेवन को बढ़ावा देते हैं।’’
उन्होंने कहा कि ऐसे में इन अभिनेताओं को उनके बेहतर अभिनय के लिए दिये गये विभिन्न पुरस्कारों को वापस ले लेना चाहिए।
निर्दलीय सदस्य उमेशभाई बाबूभाई पटेल ने गुजरात में शराबबंदी के बावजूद खुलेआम शराब उपलब्ध होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि केवल कानून बनाना ही समस्या का समाधान नहीं, बल्कि इसका अनुपालन भी बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि गुजरात में भले ही शराब पर प्रतिबंध है, लेकिन हर गली-नुक्कड़ पर यह आसानी से उपलब्ध है, ऐसे में पाबंदी लगाने का क्या फायदा। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध कभी-कभी भ्रष्टाचार का दरवाजा खोलता है।
भाजपा सदस्य धवल लक्ष्मणभाई पटेल तथा कांग्रेस के किशोरी लाल एवं शशिकांत सेंथिल ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।
भाषा सुरेश वैभव
वैभव

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