दिल्ली-एनसीआर में घना कोहरा, वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’

दिल्ली-एनसीआर में घना कोहरा, वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’

दिल्ली-एनसीआर में घना कोहरा, वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’
Modified Date: December 18, 2025 / 10:47 am IST
Published Date: December 18, 2025 10:47 am IST

(तस्वीरों सहित)

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के बड़े हिस्से में बृहस्पतिवार सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता काफी कम हो गयी और सामान्य आवाजाही बाधित हुई।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, सुबह छह बजे राष्ट्रीय राजधानी में कोहरा छाया रहा। पालम हवाई अड्डे पर दृश्यता तेजी से गिरकर 150 मीटर तक रह गयी, जबकि सफदरजंग हवाई अड्डे पर दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई।

 ⁠

घने कोहरे के कारण कई इलाकों में सड़क यातायात प्रभावित हुआ। दिल्ली को गुरुग्राम, गाजियाबाद और नोएडा जैसे एनसीआर शहरों से जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों और राजमार्गों पर वाहन धीमी गति से चलते दिखे। कम दृश्यता के कारण वाहन चालकों को सावधानी बरतनी पड़ी जिसके कारण सुबह यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में देरी हुई।

अधिकारियों के मुताबिक, पालम में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अगले 30 मिनट में सामान्य दृश्यता बढ़कर 150 मीटर होने की उम्मीद है और उसके बाद धीरे-धीरे इसमें सुधार होगा।

मौसम अधिकारियों ने कहा कि सर्दी बढ़ने के कारण आने वाले दिनों में सुबह के समय कोहरे की स्थिति बने रहने की आशंका है। आईएमडी ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार को घने कोहरे का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।

इस बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 358 दर्ज किया गया।

आईएमडी ने कहा कि मौसम के मोर्चे पर राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान 9.0 डिग्री सेल्सियस रहा, जो मौसम के औसत से 0.9 डिग्री अधिक है। आईएमडी ने कहा कि अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है।

सुबह साढ़े आठ बजे सापेक्षिक आर्द्रता 100 प्रतिशत दर्ज की गयी।

सीपीसीबी के अनुसार, एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

भाषा गोला शोभना

शोभना


लेखक के बारे में