देहरादून, 26 सितंबर (भाषा) बेटी की हत्या से गमगीन अंकिता की मां सोनी देवी ने सोमवार को कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है क्योंकि उन्हें अंतिम समय में अंकिता का मुंह भी नहीं देखने दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘रात को अंतिम संस्कार करने की क्या जरूरत थी। जब इतना रुक गए थे तो एक दिन और रुक जाते। सबसे बड़ा गुनाह तो उन्होंने (सरकार ने) यह किया कि मुझे अपनी बेटी का चेहरा भी नहीं देखने दिया।’’
पौड़ी जिले के श्रीनगर से 23 किलोमीटर दूर श्रीकोट गांव में सांत्वना देने आए लोगों की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि एक मां के साथ सबसे बड़ा अन्याय तो यही है कि वह अपनी बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाई।
सोनी देवी ने बताया कि उन्हें अस्पताल में रखा गया था और बेटी के अंतिम संस्कार की बात उन्हें तब पता चली जब उन्हें घाट चलने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही कह दिया था कि अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने तक अंतिम संस्कार न किया जाए लेकिन सरकार ने जबरन अंतिम संस्कार कर दिया।
उन्होंने बेटी की हत्या के आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग करते हुए कहा कि उन्हें अपने बेटे की सुरक्षा की भी चिंता है क्योंकि आरोपी रसूखदार लोग हैं।
सोनी देवी ने कहा, ‘‘आरोपियों को जिंदा रहने का हक नहीं है और जघन्य अपराध करने वालों को जिंदा जला दिया जाना चाहिए।’’
पौड़ी जिले के यमकेश्वर में गंगा भोगपुर स्थित वनतारा रिजॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों के साथ मिलकर ऋषिकेश की चीला नहर में फेंककर हत्या कर दी थी।
अंकिता का शनिवार को चीला नहर से शव बरामद किया गया था और रविवार शाम अलकनंदा के तट पर श्रीनगर में उसका अंतिम संस्कार किया गया था।
भाषा दीप्ति दीप्ति नेत्रपाल
नेत्रपाल
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