सर्जिकल स्ट्राइक पर दिग्विजय का बयान ‘हास्यास्पद’: राहुल गांधी |

सर्जिकल स्ट्राइक पर दिग्विजय का बयान ‘हास्यास्पद’: राहुल गांधी

सर्जिकल स्ट्राइक पर दिग्विजय का बयान ‘हास्यास्पद’: राहुल गांधी

:   Modified Date:  January 24, 2023 / 07:05 PM IST, Published Date : January 24, 2023/7:05 pm IST

(तस्वीर के साथ)

झज्जर कोटली/जम्मू, 24 जनवरी (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ पर पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की टिप्पणियों को “हास्यास्पद’’ करार दिया और कहा कि सशस्त्र बल ‘असाधारण रूप से अच्छा’ काम कर रहे हैं और उन्हें कोई सबूत दिखाने की जरूरत नहीं है।

गांधी को सर्जिकल स्ट्राइक एवं पुलवामा आतंकवादी हमले पर सिंह की टिप्पणियों को लेकर मीडिया के सवालों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि पार्टी सिंह के बयान से पूरी तरह से असहमत है।

गांधी ने यहां प्रेस वार्ता में कहा, “ऐसे लोग हैं जो बातचीत के दौरान हास्यास्पद बातें कहते हैं। एक वरिष्ठ नेता के बारे में ऐसा कहते हुए मुझे दुख हो रहा है कि उन्होंने हास्यापद बात कही है।”

उन्होंने कहा, “हमें अपनी सेना पर पूरा भरोसा है। अगर सेना कोई काम करती है तो उसे कोई सबूत देने की जरूरत नहीं है। मैं उनके बयान से पूरी तरह असहमत हूं और यह कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक स्थिति है कि यह दिग्विजय सिंह का निजी दृष्टिकोण है।”

सिंह ने सोमवार को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ पर सवाल उठाया था और सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था।

जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए, सिंह ने आरोप लगाया कि सीआरपीएफ के कर्मियों को हवाई मार्ग से श्रीनगर से दिल्ली भेजने के बल के अनुरोध पर सरकार सहमत नहीं हुई और 2019 में पुलवामा में एक आतंकी हमले में 40 जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था, ‘‘वे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की बात करते हैं। वे कई लोगों को मारने की बात करते हैं लेकिन कोई सबूत नहीं दिया। वे झूठ के पुलिंदों के सहारे शासन कर रहे हैं।’’

सिंह के खिलाफ कांग्रेस द्वारा की जा रही कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा कि कांग्रेस एक लोकतांत्रिक पार्टी है न कि पार्टी में “तानाशाही” है।

उन्होंने कहा, “हम अपनी पार्टी को जबरदस्ती के सिद्धांत पर नहीं चलाते हैं। हम सिंह के निजी विचारों की सराहना नहीं करते। लेकिन पार्टी के विचार दिग्विजय सिंह के विचारों से ऊपर हैं। पार्टी के भीतर बातचीत से विचार उत्पन्न होते हैं। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनके विचार…वे विचार नहीं हैं जो पार्टी के केंद्र द्वारा रखे जाते हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘हम बिल्कुल स्पष्ट हैं कि सशस्त्र बल काम करते हैं। वे असाधारण रूप से अच्छा काम करते हैं। उन्हें किसी भी चीज का सबूत देने की जरूरत नहीं है।”

गांधी ने कहा कि कांग्रेस की संस्कृति है कि वार्ता हो। उन्होंने कहा, ‘कई बार ऐसी बातचीत हो जाती है और अतिवादी विचार रखने वाले लोग अपनी बात कह देते हैं। हालांकि, भाजपा और आरएसएस में बातचीत का कोई चलन नहीं है। एक बार वे कुछ भी तय कर लेते हैं और उसके बाद कोई बात नहीं कर सकता है।’

भाषा नोमान माधव

माधव

 

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