शिक्षा निदेशालय ने ई-टैब के लिए दो साल बाद भी नहीं किया शिक्षकों को भुगतान: आरटीआई
शिक्षा निदेशालय ने ई-टैब के लिए दो साल बाद भी नहीं किया शिक्षकों को भुगतान: आरटीआई
(अहमद नोमान)
नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने दिसंबर 2023 में अपने तहत आने वाले स्कूलों के अध्यापकों को शिक्षण संबंधी कार्य ऑनलाइन करने के लिए प्रतिपूर्ति (रिम्बर्समेंट) के आधार पर 15 हजार रुपये तक के ई-टैब खरीदने का निर्देश दिया था। लेकिन इस डिजिटल उपकरण को खरीदने वाले शिक्षकों को दो साल बाद भी निदेशालय की ओर से भुगतान नहीं किया गया है।
यह जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर आवेदन के जवाब में सामने आई है।
निदेशालय ने सात दिसंबर 2023 को एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर अपने तहत आने वाले समस्त शिक्षकों से कहा था कि वे अपने पैसों से टैब खरीद लें और इसका बिल जमा कराने के बाद निदेशालय द्वारा उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा।
इस बाबत आरटीआई कानून के तहत ‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा आवेदन दायर कर टैब खरीदने वाले शिक्षकों की संख्या, उन्हें पैसे के भुगतान और इस उद्देश्य के लिए आवंटित कोष की जानकारी मांगी गई थी।
आरटीआई आवेदन के जवाब में निदेशालय के 10 जोन के तकरीबन 300 स्कूलों के करीब नौ हजार शिक्षकों का ब्यौरा उपलब्ध कराया गया। इसके मुताबिक, किसी भी शिक्षक को निदेशालय ने पैसे का भुगतान नहीं किया है।
हालांकि निदेशालय ने टैब खरीद योजना के लिए आवंटित कोष की जानकारी आरटीआई कानून के तहत प्रथम अपील दायर करने के बावजूद उपलब्ध नहीं कराई।
दिसंबर 2023 के कार्यालय ज्ञापन के मुताबिक, योजना की शुरुआत 2018 में की गई थी और दिशा-निर्देश भी उसी साल तय किए गए थे जिसमें समस्त नियमित और अतिथि शिक्षकों को 15 हजार रुपये कीमत का टैब खरीदने का निर्देश दिया गया था। बिल प्रस्तुत करने पर निदेशालय द्वारा इस राशि की प्रतिपूर्ति की जानी थी।
साल 2018 के दिशा-निर्देशों के पांचवें बिंदु में स्पष्ट है कि शिक्षक टैब खरीदने के बाद मूल बिल को स्कूल प्रमुख को जमा कराएंगे जिसके बाद 15 दिन के भीतर इसका भुगतान किया जाना था।
शिक्षकों के मुताबिक, 2018 में योजना शुरू होने पर टैब खरीदने वाले शिक्षकों को निदेशालय की ओर से तभी भुगतान कर दिया गया था। इसकी पुष्टि ‘पीटीआई-भाषा’ के एक अन्य आरटीआई आवेदन के तहत निदेशालय द्वारा उपलब्ध कराए गए जवाब से हुई है।
इसमें कहा गया है कि 2018 में ई-टैब योजना के लिए 8.69 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ था जिसमें से 8.27 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
मगर इसके करीब पांच साल बाद सात दिसंबर 2023 को निदेशालय ने एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर शिक्षकों से कहा कि 2018 के निर्देश के तहत टैब खरीदने वाले ऐसे शिक्षक जिनके टैब को चार साल से ज्यादा का वक्त हो गया है, वे 15 हजार रुपये तक का नया टैब खरीदने के पात्र हैं और निदेशालय द्वारा उसका भुगतान किया जाएगा।
इस ज्ञापन में जिक्र है कि इस बाबत 2018 में तय किए गए दिशा-निर्देश ही लागू रहेंगे, लेकिन 2023 के निर्देश के तहत टैब खरीदने वाले शिक्षकों को अब तक निदेशालय द्वारा भुगतान नहीं किया गया है।
लोकतांत्रिक अध्यापक मंच के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष कृष्ण कुमार फौगाट ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि 2023 में फिर से टैब खरीदने के निर्देश आने के बाद 50 हजार से अधिक शिक्षकों ने नया टैब खरीदा था, लेकिन अब तक किसी को भी भुगतान नहीं किया गया।
मध्य दिल्ली और उत्तर पश्चिम दिल्ली के स्कूलों के दो प्रधानाचार्यों ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि 2023 के निर्देश के तहत टैब खरीदने वाले किसी भी शिक्षक को भुगतान नहीं मिला है।
इन टैब की उपयोगिता के बारे में उक्त में से एक प्रधानाचार्य ने बताया कि इन टैब के जरिए निदेशालय के ऐप पर बच्चों की ऑनलाइन हाजिरी लगाई जाती है, परीक्षा के अंक ‘एजुडेल’ पोर्टल पर चढ़ाए जाते हैं और पूरा परिणाम भी टैब पर ही बनता है। उन्होंने यह भी बताया कि ऑनलाइन कक्षाएं भी टैब के माध्यम से ली जाती हैं।
पूर्वी दिल्ली के एक शिक्षक ने कहा कि टैब के जरिए ही ‘मिशन बुनियाद’ (अब निपुण) के मूल्यांकन का ब्यौरा भी ऑनलाइन भरा जाता है। साथ ही छात्रवृत्ति का विवरण भी ऑनलाइन भरने के लिए टैब का इस्तेमाल होता है। उनके मुताबिक, ‘यूडाइस’ नामांकन और ‘अपार आईडी’ बनाने का काम भी टैब से ही होता है।
इस मुद्दे को पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी, वर्तमान मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और शिक्षा मंत्री आशीष सूद के समक्ष उठाने फोगाट ने बताया कि सरकार ने जल्द भुगतान जारी करने का आश्वासन दिया है।
इस मामले पर शिक्षा निदेशक वेदिता रेड्डी को भेजे गए सवालों का समाचार लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला है।
भाषा नोमान नोमान खारी नरेश
नरेश

Facebook



