नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी के 11 राजस्व जिलों के जिलाधिकारियों को बाढ़ एवं सिंचाई विभाग तथा अन्य स्थानीय निकायों द्वारा किए गए नालों की गाद निकालने के कार्य की जमीनी हकीकत पता करने को कहा गया है। वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक में 24 जून को ये निर्देश दिए गए।
राजस्व विभाग को उप-पंजीयक कार्यालयों में ‘फेसलेस’ (आमने-सामने आये बिना) लेनदेन के साथ-साथ ‘ई-कोर्ट’ परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने के निर्देश भी जारी किए गए।
निर्देश में कहा गया है, ‘‘सभी जिलाधिकारी बाढ़ एवं सिंचाई विभाग और स्थानीय निकाय विभाग द्वारा किए गए नालों से गाद निकालने के काम की जमीनी हकीकत का व्यक्तिगत रूप से पता लगाएंगे। यह काम संबंधित जिलाधिकारी व्यक्तिगत रूप से करेंगे और इस संबंध में किसी भी प्रतिनिधिमंडल की अनुमति नहीं है।’’
बैठक में जिक्र किया गया कि राजस्व विभाग ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (व्यापार करने में सहजता) के तहत 31 मापदंडों को अभी लागू नहीं किया है। आदेश में कहा गया है, ‘‘इन मापदंडों को 31 अक्टूबर, 2022 तक लागू किया जाना चाहिए।’’
दिल्ली में बृहस्पतिवार को मानसून की पहली बारिश होने के साथ ही नवनिर्मित प्रगति मैदान सुरंग, आईटीओ, रिंग रोड, बारापुला कॉरिडोर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और सराय काले खां सहित कई क्षेत्रों में जलभराव देखा गया, जिससे बड़े पैमाने पर यातायात बाधित हुआ।
संबंधित अधिकारियों को इन मापदंडों की वर्तमान स्थिति और उनके कार्यान्वयन की संभावित समाप्ति तिथि बताते हुए एक सप्ताह के भीतर एक संक्षिप्त विवरण पेश करने को कहा गया है।
भाषा सिम्मी शफीक
शफीक
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