धनतेरस से दिवाली की शुरुवात होती है . हिंदू कैलेंडर के अनुसार दिवाली की शुरुआत के रूप में चिह्नित होने के अलावा, धनतेरस कार्तिक महीने का तेरहवें दिन भी होता है. धनतेरस देश भर में हिंदू परिवारों और दुनिया के लिए एक शुभ अवसर होता है.’धनतेरस’ शब्द को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है. हिंदी में धन का अर्थ होता है धन और शब्द ‘तेरा’ का अर्थ है तेरह. इस प्रकार धनतेरस के दिन, हिन्दू देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं, जो धन की देवी हैं. धनतेरस से हिंदू लोग दिवाली के बेहद लोकप्रिय त्योहार की शुरूआत करते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार दिवाली की शुरुआत के रूप में चिह्नित होने के अलावा, धनतेरस कार्तिक महीने का तेरहवें दिन भी होता है. धनतेरस देश भर में हिंदू परिवारों और दुनिया के लिए एक शुभ अवसर होता है.वास्तव में, धनतेरस पर पूजा न केवल देवी लक्ष्मी के लिए की जाती है बल्कि कुबेर के लिए भी यह पूजा की जाती है, जो धन के देवता हैं. धनतेरस पर कई परिवारों में देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर दोनों की पूजा की जाती है,
धनतेरस पूजा का सुबह मुहूर्त
धनतेरस पर पूजा का समय – 19:32 अपराह्न से 20:18 बजे तक
प्रदोष काल –17:49 बजे से 20:18 अपराह्न
वृषभ काल – 19:32 अपराह्न से 21:33 बजे तक
17 अक्टूबर, 2017 को त्रयोदशी तिथि सुबह 12 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी.
18 अक्टूबर, 2017 को त्रयोदशी तिथि सुबह 8 बजे समाप्त होगी
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दीवाली पूजा के ये हैं शुभ मुहूर्त…
.भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से दीवाली एक है. दीवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल ये तिथि 19 अक्टूबर 2017 को पड़ रही है. यानि इस बार की दीवाली 19 अक्टूबर को मनायी जाएगी. दीवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने की मान्यता होती है.धर्म शास्त्रों में दिपावली में लक्ष्मी गणेश पूजन में प्रदोष काल का भी खासा महत्व होता है. दिन-रात के संयोग को ही प्रदोष काल कहते है.
इस बार शाम 5.43 से रात 8.16 तक प्रदोषकाल रहेगा. जिसमें लोग सुख-समृद्धि की कामना से लक्ष्मी, गणेश और कुबेर का पूजन कर सकेंगे. दीवालीके दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा शुभ मुहूर्त में ही की जानी चाहिए.
इस दीवाली पूजा करने के लिए 3 शुभ मुहूर्त है. इन तीनों मुहूर्त में पूजा करने का अपना ही विशेष महत्व होता है. इन विशेष मुहूर्त में मां लक्ष्मी के साथ विष्णु, गणेश और कुबेर की पूजा भी की जा सकती है.
ये हैं शुभ मुहूर्त….
1.
प्रदोष काल मुहूर्त
मां लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 05.43 से 08.16 तक
वृषभ काल: शाम 7.11 से 9.06 तक
2.
चौघड़िया पूजा मुहूर्त
सुबह: 6.28 से 7.53
शाम: 4.19 से 8.55
3.
महानिशिता काल मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा का अवधि- 51 मिनट
महानिशिता काल- 11.40 से 12.31
बता दें कि दीवाली के दिन अमावस्या तिथि आरंभ 00:13 (19 अक्टूबर) पर होगी और अमावस्या तिथि समाप्त 00:41 (20 अक्टूबर) पर होगी.