क्या उत्तर प्रदेश जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की जरूरत है: बघेल |

क्या उत्तर प्रदेश जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की जरूरत है: बघेल

क्या उत्तर प्रदेश जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की जरूरत है: बघेल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:45 PM IST, Published Date : October 4, 2021/3:22 pm IST

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने लखीमपुर खीरी में हिंसा की घटना को लेकर सोमवार को मांग की कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को तत्काल बर्खास्त किया जाए।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा को लखीमपुर खीरी जाते समय हिरासत में लिये जाने का उल्लेख करते हुए बघेल ने यह सवाल किया कि क्या अब उत्तर प्रदेश जाने के लिए पासपोर्ट एवं वीजा की जरूरत है?

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लखीमपुर खीरी की घटना से पूरा देश आंदोलित है। सबने देखा कि किसानों के साथ किस तरह की बर्बरता की गई। भाजपा अंग्रेजों से प्रेरित है और उनकी प्रेरणा से ये आज तक राजनीति कर रहे हैं।’’

बघेल के मुताबिक, ‘‘तीनों काले कानूनों के खिलाफ विभिन्न प्रदेशों की विधानसभाओं में प्रस्ताव पारित किये गए। लेकिन इस सरकार की हठधर्मिता देखने को मिली। (मनोहर लाल) खट्टर साहब कहते हैं कि किसानों पर लाठियां चलाओ। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने किसानों को धमकी दी कि सुधर जाओ।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘लखीमपुर की घटना से तय है कि भाजपा को किसान बिल्कुल पसंद नहीं हैं। वह किसानों को कुचल देना चाहती है। यह सरकार का तानाशाही वाला रुख है।’’

मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर कटाक्ष किया, ‘‘‘मैंने लखनऊ जाना चाहा तो मुझे वहां उतरने की अनुमति नहीं दी गई। विभिन्न दलों के नेताओं को नजरबंद कर दिया गया या फिर गिरफ्तार कर लिया गया। क्या उत्तर प्रदेश में आम नागरिक के अधिकार छीन लिए गए हैं? क्या उत्तर प्रदेश में जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की जरूरत है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह साधारण घटना नहीं, बल्कि सीधे-सीधे हत्या है। सबसे पहले गृह राज्य मंत्री को बर्खास्त किया जाए। एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए।’’

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाए तथा मिश्रा एवं उनके साथियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए।

उन्होंने सवाल किया कि मंत्री के पुत्र को अब तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?

वल्लभ ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग बनाकर की जाए।

भाषा हक

हक मनीषा

मनीषा

 

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