जम्मू-कश्मीर में मेडिकल सीट अखिल भारतीय कोटे में लाने के प्रस्ताव के विरुद्ध चिकित्सकों का प्रदर्शन |

जम्मू-कश्मीर में मेडिकल सीट अखिल भारतीय कोटे में लाने के प्रस्ताव के विरुद्ध चिकित्सकों का प्रदर्शन

जम्मू-कश्मीर में मेडिकल सीट अखिल भारतीय कोटे में लाने के प्रस्ताव के विरुद्ध चिकित्सकों का प्रदर्शन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : June 23, 2022/4:37 pm IST

जम्मू, 23 जून (भाषा) सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय (जीएमसी) में स्नातकोत्तर की 50 फीसद सीट तथा शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसकेआईएमएस) की सभी सीट इस साल से अखिल भारतीय कोटे के लिए तय करने के जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रस्ताव के विरोध में चिकित्सकों ने यहां प्रदर्शन किया।

चिकित्सा विद्यार्थियों के साथ चिकित्सकों ने इस केंद्रशासित प्रदेश में नये चिकित्सा महाविद्यालयों में स्नातोकोत्तर की और सीट आवंटित किये जाने तक इस विचार को स्थगित करने की अपनी मांग के समर्थन में जीएमसी के सामने प्रदर्शन किया।

डॉ. सुशांत खरके नामक एक प्रदर्शनकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यदि इस विचार को लागू किया गया तो जम्मू-कश्मीर के आकांक्षी पीजी उम्मीदवारों के हितों को नुकसान पहुंचेगा, क्योंकि हमारे यहां जो मामूली सीट हैं वह और घट जाएंगी।’’

इसे और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यदि जीएमसी की 50 फीसद और एसकेआईएमएस की सभी सीट अखिल भारतीय कोटे से भरी जाएंगी तो बस 172 सीट ही स्थानीय अभ्यर्थियों के लिए बचेंगी।

खरके ने कहा कि अनंतनाग, बारामूला, राजौरी, डोडा और कठुआ में नये खुले सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू किया गया है, लेकिन वहां पीजी सीट आवंटित नहीं की गयी हैं।

इस प्रदर्शन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से नये चिकित्सा महाविद्यालयों में पीजी सीट सृजित किये जाने तक अखिल भारतीय कोटे में स्नोतोकोत्तर सीट लाने में देरी करने की मांग पर विचार करने की अपील की।

नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने इस मांग का समर्थन किया है।

भाषा

राजकुमार सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers