क्या स्वामी विवेकानंद के एकता व सद्भावना के आदर्शों में यकीन रखते हैं मोदी : अधीर

क्या स्वामी विवेकानंद के एकता व सद्भावना के आदर्शों में यकीन रखते हैं मोदी : अधीर

क्या स्वामी विवेकानंद के एकता व सद्भावना के आदर्शों में यकीन रखते हैं मोदी : अधीर
Modified Date: June 3, 2024 / 08:01 pm IST
Published Date: June 3, 2024 8:01 pm IST

कोलकाता, तीन जून (भाषा) कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए एकता एवं सद्भावना के आदर्शों में यकीन रखते हैं।

कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में मोदी के 45 घंटे की ध्यान साधना पूरी करने के दो दिन बाद चौधरी की यह टिप्पणी आई।

कांग्रेस नेता ने अपने बरहमपुर निर्वाचन क्षेत्र में एक प्रेस वार्ता में कहा कि स्वामी विवेकानंद ने एकता, सद्भावना और प्रेम की भावना को रेखांकित किया था।

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उन्होंने कहा, ‘‘स्वामी जी ने हमें एक-दूसरे की मदद करने की, न कि लड़ने की; समावेश करने की, न कि नष्ट करने की शिक्षा दी थी। मैं नहीं जानता कि मोदी इन आदर्शों में यकीन रखते हैं या नहीं।’’

लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) गठबंधन के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि गठजोड़ ‘‘निश्चित रूप से अच्छा प्रदर्शन करेगा।’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि उनकी पार्टी मुर्शिदाबाद जिले में सभी तीन सीट जीतेगी और मालदा दक्षिण, रायगंज, बीरभूम तथा पुरुलिया में भी उसके जीतने की प्रबल संभावना है।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप मुझसे (कांग्रेस के सहयोगी) वाम मोर्चा के बारे में पूछें तो वे दमदम और कोलकाता में भी अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रहे हैं।’’

यह पूछे जाने पर कि वह राष्ट्रीय स्तर पर ‘इंडिया’ गठबंधन को कितनी सीट मिलने की उम्मीद कर रहे हैं, चौधरी ने कहा, ‘‘हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व ने पहले ही यह आंकड़ा 295 या इससे अधिक बताया है। इसमें मैं और क्या जोड़ सकता हूं?’’

उन्होंने कहा कि चुनाव बाद की हिंसा के सिलसिले में कांग्रेस दिल्ली में निर्वाचन आयोग से संपर्क करेगी, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या यह (हिंसा) पश्चिम बंगाल से जुड़ी है।

‘एग्जिट पोल’ के बाद शेयर बाजार में उछाल आने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव पूरी तरह से अटकलों पर आधारित होता है, जिसका चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग जानबूझकर अधिक आर्थिक लाभ के लिए ऐसा करते हैं। हो सकता है कि कुछ खेमों से उनके संबंध हों।’’

भाषा सुभाष नेत्रपाल

नेत्रपाल


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