बच्चों पर शायरी न थोपें बल्कि उन्हें अपने साथ मुशायरों में ले जाएं: जावेद अख्तर

बच्चों पर शायरी न थोपें बल्कि उन्हें अपने साथ मुशायरों में ले जाएं: जावेद अख्तर

  •  
  • Publish Date - January 25, 2023 / 04:00 PM IST,
    Updated On - January 25, 2023 / 04:00 PM IST

(तस्वीर के साथ)

कोलकाता, 25 जनवरी (भाषा) जाने-माने शायर और गीतकार जावेद अख्तर का मानना है कि अगर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे कविताओं को पसंद करें तो वे इसे उन पर थोपे नहीं, बल्कि उन्हें अपने साथ मुशायरों व कवि सम्मेलनों में लेकर जाएं जिससे उनमें इसके प्रति दिलचस्पी पैदा हो।

अख्तर से यहां ‘टाटा स्टील कोलकाता लिटरेरी मीट’ के एक सत्र में एक महिला ने पूछा कि बच्चों में कविता के प्रति प्रेम कैसे जगाएं जिस पर पद्म भूषण से सम्मानित 78 वर्षीय गीतकार ने कहा, “ आपको उन्हें यह बताने की जरूरत नहीं है। वे शायद न सुनें। जो आप करेंगे, वे भी वही करेंगे। अगर आप कविताओं को गहराई से पसंद करते हैं, अगर आप कवि सम्मेलनों व मुशायरों में जाते हैं तो आपके बच्चों में भी खुद-ब-खुद दिलचस्पी पैदा हो जाएगी।”

यह पूछे जाने पर कि क्या उर्दू गीतों के रचयिता के तौर पर उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए किसी उत्तराधिकारी को तैयार किया जाना चाहिए तो अख्तर ने कहा, “ सरहद के दोनों ओर – भारत और पाकिस्तान- में बहुत से युवक युवतियां हैं। उनमें से कुछ तो 18 साल के आसपास हैं जिन्होंने उत्साह और उम्मीदें दिखाई हैं। मैं उनकी रचनाओं को यूट्यूब पर देखता हूं जो मुझे प्रेरित करती हैं। उन्हें इस बात की जरूरत नहीं है कि मैं उन्हें प्रेरित करूं।”

भाषा नोमान अविनाश

अविनाश