डोटासरा ने भाजपा सरकार पर निकाय चुनाव जानबूझकर टालने का आरोप लगाया
डोटासरा ने भाजपा सरकार पर निकाय चुनाव जानबूझकर टालने का आरोप लगाया
जयपुर, 28 अक्टूबर (भाषा) राजस्थान में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा के बाद राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर पंचायती राज और नगर निकाय चुनावों को जानबूझकर टालने का आरोप लगाया है।
डोटासरा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने यह दावा करके भारत के निर्वाचन आयोग को गुमराह किया कि राजस्थान में कोई भी स्थानीय निकाय चुनाव लंबित नहीं है, जिससे एसआईआर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति मिल गई।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों से लंबित पंचायत और नगर निकाय चुनावों की जानकारी मांगी थी, लेकिन राजस्थान सरकार ने गलत जानकारी दी कि कोई चुनाव लंबित नहीं है।
डोटासरा ने कहा, ‘‘अब एसआईआर की घोषणा राजस्थान की भाजपा सरकार ने करवाई है। सरकार ने लिखित में दिया है कि राज्य में पंचायती राज और नगर निकायों के चुनाव फरवरी से पहले नहीं हो रहे, इसलिए एसआईआर की जाए।’’
उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राजस्थान में एसआईआर करने की घोषणा की, जबकि राज्य में पिछले एक वर्ष से नगर निकाय और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव लंबित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘49 नगर निकायों का कार्यकाल नवंबर 2024 में पूरा हो चुका है, जबकि 11,310 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल भी समाप्त हो गया है। इन सभी में सरकार ने प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं।’’
डोटासरा ने आरोप लगाया, ‘‘शहरी विकास एवं आवास मंत्री बार-बार कह चुके हैं कि सरकार इस साल स्थानीय चुनाव कराने के लिए तैयार है। अगर विधानसभा चुनाव अभी तीन साल दूर हैं, तो एसआईआर कराने की इतनी जल्दी क्यों? मकसद साफ है- इसकी आड़ में स्थानीय निकाय चुनावों को टालना।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सोची-समझी साजिश के तहत राज्य में एसआईआर करवाया जा रहा है ताकि पंचायती राज और नगर निकाय चुनाव और आगे बढ़ाए जा सकें।’’
कांग्रेस नेता ने यह भी दावा किया कि एसआईआर प्रक्रिया का दुरुपयोग कांग्रेस समर्थकों, खासकर अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के मतदाताओं के नाम हटाने के लिए किया जा रहा है।
डोटासरा ने कहा कि एसआईआर प्रक्रिया से पूरा प्रशासनिक तंत्र प्रभावित होगा, जिससे ओबीसी जनसंख्या सर्वेक्षण जैसे अन्य महत्वपूर्ण कार्य ठप पड़ जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘पांच साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी चुनाव न कराना संवैधानिक उल्लंघन है। भाजपा ‘डबल इंजन सरकार’ और निर्वाचन आयोग का इस्तेमाल नागरिकों के मताधिकार को दबाने और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने के लिए कर रही है।’’
भाषा पृथ्वी खारी
खारी

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