पंजाब में मादक पदार्थ एक बड़ी समस्या : शिअद (ए) प्रत्याशी लक्खा सिधाना

पंजाब में मादक पदार्थ एक बड़ी समस्या : शिअद (ए) प्रत्याशी लक्खा सिधाना

  •  
  • Publish Date - May 14, 2024 / 06:42 PM IST,
    Updated On - May 14, 2024 / 06:42 PM IST

(चरणजीत सिंह)

चंडीगढ़, 14 मई (भाषा) बठिंडा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना ने दावा किया कि उनके प्रतिद्वंदी मादक पदार्थ जैसे असल मुद्दों पर बात करने से बच रहे हैं और सिर्फ एक-दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं।

शिरोमणि अकाली दल-अमृतसर (शिअद-ए) के प्रत्याशी 45 वर्षीय सिधाना का कहना है कि उन्हें जनता से अपार समर्थन मिल रहा है और लोगों ने उनसे कहा है कि वे सभी बड़े राजनीतिक दलों को मौके देकर देख चुके हैं, इसलिए उन्हें भी एक मौका देंगे।

लक्खा सिधाना के नाम से मशहूर लखवीर सिंह बठिंडा जिले के सिधाना गांव के रहने वाले हैं।

मौर विधानसभा सीट से 2022 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय के रूप में हार झेल चुके सिधाना ने 28,091 मत प्राप्त कर सभी को चौंका दिया था।

सिधाना ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”मादक पदार्थ एक बड़ा मुद्दा है। हालात इतने खराब है कि ‘चिट्टा’ (सिंथेटिक ड्रग) बहुत आसानी से मिल जाता है। मन्ना, राइके कलां, कत्त्यां वाली जैसे कई गांवों में ढेर सारे युवा नशे की लत के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं।”

उन्होंने कहा, ”यह एक बेहद गंभीर मुद्दा है और इस पर कभी चर्चा नहीं हो रही, क्योंकि सभी प्रतिद्वंदी राजनेता डरते हैं कि लोग ये सवाल पूछेंगे कि जब आप सत्ता में थे, इसे रोकने के लिये आपने कौन-कौन से कदम उठाए।”

सिधाना ने कहा कि पहले कांग्रेस ने मादक पदार्थ की जड़ों को उखाड़ फेंकने का वादा किया था और उसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने इसे खत्म करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि राज्य को प्रभावित करने वाले मुद्दों की सूची में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार भी शामिल है।

शिअद (ए) प्रत्याशी ने कहा, ”इन चुनावों में पंजाब के असल मुद्दों को नहीं उठाया जा रहा। ये मुद्दे गायब हैं। सिर्फ और सिर्फ राजनीति हो रही है। राजनेता सिर्फ और सिर्फ एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने और आरोप लगाने में व्यस्त हैं।”

उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ‘आप’ के प्रदर्शन से नाखुश है।

सिधाना ने दावा किया, ”मान ने कहा था कि उनकी सरकार ने इतना काम करेगी कि उन्हें जनता से वोट मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि जनता खुद उन्हें वोट करेगी। तो अब वोट मांगने की क्या जरूरत है? पंजाब के लोग बुरी तरह से निराश हैं। उन्होंने राज्य में सभी दलों शिअद-भाजपा गठबंधन, कांग्रेस और अब ‘आप’ की सरकार देख ली है। लोगों ने ‘बदलाव’ के लिए वोट किया था और उन्हें काफी उम्मीद थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ।”

उनकी संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर सिधाना ने कहा, ”जनता खामोश है और नतीजे चौंकाने वाले होंगे।”

उन्होंने कहा कि वह पंजाबी भाषा के प्रसार की दिशा में काम कर रहे हैं और उन्होंने इस मकसद से ‘पंजाबी मां बोली सत्कार जठेबंदी’ का गठन किया है।

सिधाना ने कहा, ”हम किसी दूसरी भाषा के विरोध में नहीं हैं, लेकिन हम अपनी मातृभाषा के साथ समझौता नहीं कर सकते।”

बठिंडा सीट पर सिधाना का मुकाबला तीन बार की सांसद और शिअद उम्मीदवार हरसिमरत कौर बादल, आप के गुरमीत सिंह मीत हायर, भाजपा की परमपाल कौर सिद्धू और कांग्रेस के जीत मोहिंदर सिद्धू से है।

भाषा जितेंद्र दिलीप

दिलीप