नयी दिल्ली, 24 सितंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि 3,269 करोड़ रुपये के कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में शक्तिभोग फुड कंपनी के खिलाफ धनशोधन के आरोपों की अपनी जांच के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने कथित रूप से फर्जी कारोबारी प्रविष्टियां प्रदान की थीं।
दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई परिसरों पर एजेंसी के 17 सितंबर को छापा मारने के बाद ये गिरफ्तारियां की गयी हैं।
एजेंसी ने कहा, ‘‘ समावेशन प्रविष्टि प्रदाताओं अशोक कुमार गोयल और देवकी नंदन गर्ग को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। ’’ उसने बताया कि गोयल को 20 सितंबर को और उसके अगले दिन गर्ग को धनशोधन कानून के तहत गिरफ्तार किया गया।
उसने कहा कि एक स्थानीय अदालत ने गोयल और गर्ग को पहले शुक्रवार तक के लिए ईडी की हिरासत में भेजा था और उसने अब उसे पांच दिनों के लिए बढ़ा दिया है।
ईडी ने दावा किया, ‘‘ तलाशी के दौरान कई अभियोजन योग्य दस्तावेज एवं डिजिटल सबूत मिले और उन्हें जब्त कर लिया गया। ’’
उसने आरोप लगाया, ‘‘शक्तिभोग ने बिना किसी असली कारोबारी लेन-देन के अशोक कुमार गोयल एवं देवकी नंदन गर्ग की कमान एवं नियंत्रण में नकली निकायों से फर्जी बिक्री-खरीद बिल हासिल कर लिये। ’’
उसने कहा , ‘‘ उन्हें (दोनों को) अपराध से कमायी गयी रकम मिली और उन्होंने शक्तिभोग फुड्स लिमिटेड को उसके ऋण रकम को हासिल करने एवं उसका गबन करने में मदद पहुंचायी। ’’
एजेंसी ने इस मामले में पहले शक्तिभोग फुड्स लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के के शर्मा और चार्टर्ड एकाउंटेंट रमन भूरारिया को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद शक्तिभोग फुड्स लिमिटेड के विरूद्ध ईडी ने धनशोधन का मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने प्राथमिकी में उनपर एवं अन्य पर आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी एवं आपराधिक कदाचार का आरोप लगाया गया था ।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शिकायत के बाद सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। एसबीआई के अनुसार निदेशकों ने सरकारी धन की हेराफेरी करने के लिए झूठे खाते एवं फर्जी दस्तावेज पेश किये।
भाषा राजकुमार दिलीप
दिलीप
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