मालदा की आठ साल की लड़की ने ममता से की मुलाकात, कल्याणकारी’ योजनाओं के लिए धन्यवाद दिया

मालदा की आठ साल की लड़की ने ममता से की मुलाकात, कल्याणकारी’ योजनाओं के लिए धन्यवाद दिया

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  • Publish Date - May 26, 2022 / 08:39 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

कोलकाता, 26 मई (भाषा) पश्चिम बंगाल के मालदा जिले की आठ साल की लड़की ने बृहस्तपतिवार को कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और कन्याश्री और सबुज साथी जैसी कल्याणकारी योजनाओं के लिए आभार व्यक्त किया।

दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली सयांतिका दास ने पहले मालदा से कोलकाता की करीब 350 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय करने की योजना बनाई थी, लेकिन अधिकारियों के मनाने के बाद उन्होंने यह दूरी रेलगाड़ी से तय की।

दास और उनके माता-पिता बुधवार रात को गौड़ एक्सप्रेस में सवार हुए और बृहस्पतिवार सुबह कोलकाता स्थित सियालदह रेलवे स्टेशन पहुंचे।

रेलवे स्टेशन से दास साइकिल चलाकर कालीघाट इलाके में स्थित मुख्यमंत्री आवास गईं और उन्होंने मुख्यमंत्री को विशेष तौर पर ‘‘विशेष आम का गूदा और अचार’’उपहार में दिया।

बनर्जी से मिलने के बाद संवाददाताओं से उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री से मिलकर बहुत खुश हूं। मैं उनकी आभारी हूं। उनकी कन्याश्री और सबुज साथी जैसी योजनाओं की वजह से मैं और मेरी बहनें पढ़ाई जारी रख सकी। मैं अपनी मुख्यमंत्री को अगली बार वर्ष2024 में प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहती हूं।’’

दास ने बताया कि उनकी दो बहनों को पहले खराब वित्तीय स्थिति की वजह से पढ़ाई बीच में ही रोकनी पड़ी थी। लेकिन कन्याश्री की वजह से वे अपनी पढ़ाई दोबारा शुरू कर सकी और वे अब उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि उन्हें और उनकी बहनों को सबुज साथी योजना के तहत साइकिल मिली।

बनर्जी ने दास को किताबें, मिठाई और चॉकलेट उपहार में दीं।

मुख्यमंत्री ने बाद में दास को ‘‘बंगाल का गर्व’’करार दिया और कहा कि उनकी तरह युवा लड़कियां राज्य को नयी ऊंचाई पर ले जाएंगी व उन्हें पोषित किया जाना चाहिए।

फेसबुक पोस्ट में बनर्जी ने लिखा, ‘‘बंगाल का गर्व! मैं सयांतिका से मिलकर बहुत प्रसन्न हूं जो अपने माता-पिता के साथ मालदा से आई थी। उसे और उसकी बहनों को पश्चिम बंगाल सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं जैसे कन्याश्री और सबुज साथी योजना का लाभ मिला। उसकी जैसी युवा लड़किया बंगाल को नयी ऊंचाई पर ले जाएंगी और हमें उनका पालन पोषण करना चाहिए। सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके सभी सपने सच हों। मैं उसे बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं।’’

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश