राहुल गांधी का वायनाड से है भावनात्मक रिश्ता, जानें पापनाशिनी नदी क्यों है उनके लिए खास

राहुल गांधी का वायनाड से है भावनात्मक रिश्ता, जानें पापनाशिनी नदी क्यों है उनके लिए खास

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  • Publish Date - April 4, 2019 / 01:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

वायनाड। लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के वायनाड से नामांकन भरने को लेकर तरह तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। इसी बीच राहुल ने ये साफ कर दिया कि केरल के वायनाड को चुनने के पीछे उनका एक इमोशनल अटेचमेंट जुड़ा हुआ है।दरअसल वायनाड से न सिर्फ राहुल का बल्कि पूरे गांधी परिवार का पुराना नाता है।

दरअसल राहुल के पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद उनकी अस्थियां वायनाड के पापनाशिनी नदी में ही विसर्जित की गई थी। उस वक्त राहुल महज 20 साल के थे जब उन्होंने पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी के साथ वायनाड आ कर पापनाशिनी नदी में पिता की अस्थियां विसर्जित की थी। उस वक्त राहुल थिरुनेल्ली मंदिर भी गए थे जहां उन्होंने पूजा अर्चना भी की थी।

कहा यह भी जा रहा है कि 1991 में कांग्रेस नेता के. करुणाकरन ने राजीव गांधी की अस्थियों के जरिए प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया था। इसी के चलते उस वक्त राजीव गाँधी की मौत के बाद जनता ने कांग्रेस के साथ पूरी सहानुभूति दिखाते हुए समर्थन भी दिया था। उस दौरान लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वामपंथी दलों के नेतृत्व वाले एलडीएफ का प्रदेश से पूरी तरह सूपड़ा साफ हुआ था और सत्ता पर कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ की वापसी हुई थी।

 

ज्ञात हो कि अमेठी के साथ-साथ केरल की वायनाड सीट से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के निर्णय पर वायनाड फिर से एक बार राजनीतिक चर्चा का गढ़ बन गया है। वायनाड का देश में धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण स्थान है। कहा जाता है कि यहां से कांग्रेस का सिर्फ राजनीतिक रिश्ता नहीं है बल्कि भावनात्मक रिश्ता जुड़ा है।