एसआईआर पर रोक लगे, नागरिकता तय करने का अधिकार निर्वाचन आयोग का नहीं: दयानिधि मारन

एसआईआर पर रोक लगे, नागरिकता तय करने का अधिकार निर्वाचन आयोग का नहीं: दयानिधि मारन

एसआईआर पर रोक लगे, नागरिकता तय करने का अधिकार निर्वाचन आयोग का नहीं: दयानिधि मारन
Modified Date: December 9, 2025 / 04:06 pm IST
Published Date: December 9, 2025 4:06 pm IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए द्रमुक सांसद दयानिधि मारन ने मंगलवार को आरोप लगाया कि प्रत्येक भारतीय को मतदान का अधिकार है और नागरिकता तय करने का अधिकार आयोग को नहीं है।

चुनाव सुधार के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा में भाग लेते हुए मारन ने कहा कि निर्वाचन आयोग को ‘तटस्थ’ भूमिका निभानी चाहिए।

उन्होंने एसआईआर रोके जाने की मांग करते हुए कहा कि आयोग द्वारा राज्यों में चुनाव से तीन महीने पहले एसआईआर कराने से शंका पैदा हो रही है और इस प्रक्रिया को करने से पहले कम से कम छह महीने का समय दिया जाना चाहिए।

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मारन ने कहा कि निर्वाचन आयोग चाहे तो किसी राज्य के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में पायलट अध्ययन करा ले।

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘नागरिकता तय करने का काम क्या चुनाव आयोग का है। मैं भारतीय हूं और मुझे मतदान का अधिकार है। क्या आयोग को यह नहीं कहना चाहिए कि मैं मतदाता हूं और बदलाव के लिए मतदान करुं, लेकिन वह लोगों पर बुरी तरह दबाव डाल रहा है।’’

मारन ने यह आरोप भी लगाया कि जिन राज्यों में चुनाव होते हैं वहां ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल होता है और इन पर आयोग रोक नहीं लगा पाता।

उन्होंने मतपत्रों से चुनाव कराने की मांग करते हुए कहा कि जर्मनी, अमेरिका और जापान जैसे विकसित देशों में ईवीएम नहीं है तो भारत में क्यों है।

मारन ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आप मतपत्र से क्यों डरते हैं। आपको विकसित देशों के मॉडल को अपनाना चाहिए।’’

भाषा वैभव माधव

माधव


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