भुवनेश्वर, 21 सितंबर (भाषा) राज्य के चांदीपुर में स्थित रक्षा एवं अनुसंधान संगठन के आईटीआर परिसर में जासूसी मामले ने मंगलवार को नया मोड़ लिया। ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा को इस मामले में दुबई से धन के लेन-देन और एक महिला ऑपरेटिव (जासूस) की भूमिका का साक्ष्य मिला है। पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने इस आशय की जानकारी दी।
पुलिस ने बालासोर जिले में स्थित समेकित परीक्षण केन्द्र (आईटीआर) के पांच कर्मचारियों को 14 और 16 सितंबर को धन की लालच में डीआरडीओ से जुड़े संस्थान की महत्वपूर्ण सूचना कथित रूप से पाकिस्तानी जासूस को देने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
स्थानीय अदालत ने शनिवार को पांचों आरोपियों को ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दिया था।
अपराध शखा के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) संजीब पांडा ने यहां बताया, ‘‘अभी तक हुई जांच में पता चला है कि पांच आरोपियों में से एक को दुबई के एक बैंक खाते से दो किस्तों में 38,000 रुपये हस्तांरित किए गए थे। हम अन्य चारों के वित्तीय लेनदेन का भी सत्यापन कर रहे हैं।’’
पांडा ने कहा कि पांचों आरोपियों और उनके परिजन की संपत्ति की जानकारी का भी सत्यापन कराया जा रहा है।
यह रेखांकित करते हुए कि अपराध शाखा ने सभी आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं, पांडा ने कहा कि साइबर सेल के विशेषज्ञ आरोपियों के सोशल मीडिया हैंडल, मोबाइल फोन और एजेंट के साथ उनकी बातचीत का विश्लेषण कर रहे हैं।
एडीजी ने बताया कि आरोपियों के टेलीफोन और लैपटॉप साइबर फॉरेंसिक प्रयोगशाला में भेजे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच के दौरान हमें एक महिला ऑपरेटिव (जासूस) की मौजूदगी का पता चला जो आरोपियों से अलग-अलग नाम से अलग-अलग जगहों पर मिलती थी, इसके लिए वह ब्रिटेन का सिम कार्ड लगे मोबाइल फोन का उपयोग करती थी।’’
अधिकारी ने यह भी बताया कि उक्त महिला पांचों आरोपियों से फेसबुक मैसेंजर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप के जरिए बात करती थी।
पांडा ने कहा, ‘‘हम इस संबंध में और जांच करेंगे।’’
आईटीआर डीआरडीओ की प्रयोगशाला है जो रॉकेट, मिसाइलों और हवा में मार करने वाली हथियार प्रणाली के परीक्षण पर उसके सफल-असफल रहने का विश्लेषण करता है।
इसबीच, पश्चिम बंगाल स्थित बेस के भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की टीम ने कटक में आरोपियों से पूछताछ की।
भाषा अर्पणा उमा
उमा
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