पूर्व सैनिक ने अपने साथियों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुरानी 'मोपेड' पर 230 किमी की दूरी तय की |

पूर्व सैनिक ने अपने साथियों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुरानी ‘मोपेड’ पर 230 किमी की दूरी तय की

पूर्व सैनिक ने अपने साथियों को श्रद्धांजलि देने के लिए पुरानी 'मोपेड' पर 230 किमी की दूरी तय की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : December 7, 2021/10:18 pm IST

अखनूर (जम्मू), सात दिसंबर (भाषा) युद्ध में भागीदारी निभाने वाले 80 वर्षीय एक पूर्व सैनिक ने अपनी पुरानी ‘मोपेड’ पर पंजाब स्थित अपने गृह नगर से जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर तक 230 किलोमीटर की यात्रा की और 1971 के भारत-पाक युद्ध के अपने साथियों को श्रद्धांजलि दी।

होशियारपुर जिले के मुकेरियां क्षेत्र के दूसरी पीढ़ी के सेना के सूबेदार जय सिंह ने 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों में भाग लिया था और अखनूर सेक्टर में अपने साथियों के साथ बहादुरी से लड़े थे।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपरा निभाते हुए 80 वर्षीय पूर्व सैनिक ने नियंत्रण रेखा के अखनूर-जौरियां सीमा में छंब की लड़ाई के दौरान वीरता के साथ लड़ने वाले 1971 के युद्ध के अपने साथियों को एक शानदार श्रद्धांजलि देने का फैसला किया।’

रक्षा जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि प्रथम विश्व युद्ध में शामिल रहे एक सैनिक के बेटे सिंह 6 डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे और 1965 तथा 1971 दोनों युद्धों में भाग लिया।

लेफ्टिनेंट कर्नल आनंद ने कहा कि 1965 के युद्ध के दौरान सिंह एक आक्रमण टीम का हिस्सा थे और हाजीपीर सेक्टर में गितियां पर कब्जा करने के दौरान वह घायल हो गए थे।

उन्होंने कहा कि सूबेदार ने 1971 में अखनूर के छपरियाल इलाके में 216 फील्ड रेजिमेंट के साथ युद्ध में भाग लिया था, जो वहां बहादुरी से लड़ी थी। उन्होंने कहा कि दो अधिकारियों, दो जूनियर कमीशंड अधिकारियों (जेसीओ) और सीओ, लेफ्टिनेंट कर्नल एमएल सेठी सहित रेजिमेंट के 64 अन्य सैन्यकर्मियों ने अभियान के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया था।

जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि स्वर्णिम विजय दिवस के अवसर पर सिंह ने अपने आवास से 1971 के युद्ध स्थल क्षेत्र और पहाड़ीवाला में 216 फील्ड रेजीमेंट स्मारक तक अपनी पुरानी मोपेड से खुद 230 किलोमीटर की यात्रा की।

उन्होंने कहा कि वयोवृद्ध सैनिक ने वीरगति को प्राप्त हुए अपने साथियों और अधिकारियों को आंखों में आंसू लिए गर्व के साथ याद किया।

लेफ्टिनेंट कर्नल आनंद ने कहा, ‘उनकी देशभक्ति और भावना ने पुष्पांजलि समारोह में उपस्थित सभी लोगों के लिए प्रेरणा का काम किया।’

भाषा नेत्रपाल दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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