पेरारिवलन की रिहाई को लेकर परिजनों की खुशी सातवें आसमान पर, मुख्यमंत्री ने की फैसले की सराहना |

पेरारिवलन की रिहाई को लेकर परिजनों की खुशी सातवें आसमान पर, मुख्यमंत्री ने की फैसले की सराहना

पेरारिवलन की रिहाई को लेकर परिजनों की खुशी सातवें आसमान पर, मुख्यमंत्री ने की फैसले की सराहना

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : May 18, 2022/2:01 pm IST

जोलारपेट्टई, 18 मई (भाषा) पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा काट रहे ए. जी. पेरारीवलन ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा अपनी रिहाई का आदेश दिए जाने के बाद कहा ‘मेरा दृढ़ विश्वास है कि मृत्युदंड की कोई आवश्यकता नहीं है।”

गौरतलब है कि पेरारिवलन को पहले चेन्नई की एक विशेष अदालत द्वारा मौत की सज़ा सुनाई गई थी, जिसे बाद में आजीवन कारावास में बदल दिया गया था। पेरारिवलन ने कहा कि वह अपने भविष्य के बारे में सोचने से पहले ‘‘आजादी की हवा में’’ सांस लेना चाहता है।

पत्रकारों ने पूछा कि एक ‘आजाद पंछी’ के रूप में कैसा लग रहा है, और भविष्य की योजनाएं क्या हैं? इस पर पेरारिवलन ने कहा ‘मैं अभी बाहर आया हूं। कानूनी लड़ाई को 31 साल हो गए हैं। मुझे थोड़ी सांस लेनी है। मुझे कुछ समय दें।’

उसने कहा ”मैं स्पष्ट रूप से मानता हूं कि मृत्युदंड की कोई आवश्यकता नहीं है। केवल दया के लिए नहीं, बल्कि उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीशों सहित कई न्यायाधीशों ने ऐसा कहा है और कई उदाहरण भी हैं। हर कोई इंसान है।”

पेरारिवलन की मां अर्पुथम्माल ने भावुक हो कर, अपने बेटे की 31 साल की लड़ाई को याद करते हुए कहा ‘कई अनजान लोगों ने हमारा समर्थन किया है। मैं बहुत से लोगों को नहीं जानती। मैं उन सभी को धन्यवाद देती हूं।”

पेरारिवलन ने बाद में अपनी रिहाई का जश्न मनाने के एक स्पष्ट संकेत में एक प्राचीन तमिल ताल वाद्य यंत्र ‘पराई’ बजाया।

उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा कि इसे ‘न्याय-कानून-राजनीतिक-प्रशासनिक इतिहास’ में जगह मिल सकती है।

पेरारीवलन को रिहा करने के लिए शीर्ष अदालत द्वारा फैसला सुनाए जाने के तुरंत बाद, रिश्तेदार यहां स्थित उनके आवास पर पहुंचने लगे थे। पेरारिवलन ने इस दौरान अपनी मां अर्पुथम्माल को मिठाई खिलाई। उसने अपनी मां और बहन को गले लगाया और अपनी खुशी का इजहार किया। उसके पिता कुइलदासन ने अपने बेटे की 30 साल की कैद समाप्त होने पर खुशी व्यक्त की।

पत्रकारों द्वारा उनके बेटे की शादी सहित भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर पिता ने कहा कि परिवार इस पर चर्चा करेगा।

तमिल समर्थक संगठनों के कार्यकर्ता उच्च्तम न्यायालय के फैसले पर खुशी जताते हुए राज्य के कई हिस्सों में सड़कों पर उतर आए। उन्होंने नारे लगाए और मामले में केंद्र की कथित शालीनता के अलावा पेरारीवलन और छह अन्य को रिहा करने की 2018 की कैबिनेट की सिफारिश पर राज्य के राज्यपाल की कथित निष्क्रियता की निंदा की।

उक्त मामले में उम्रकैद की सज़ा पाने वाले अन्य लोगों में मुरुगन, संथन, जयकुमार, रॉबर्ट पायस, जयचंद्रन और नलिनी शामिल हैं।

मारुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) के संस्थापक वाइको और पाट्टाली मक्कल कॉची (पीएमके) नेता एस रामदास सहित अन्य कई नेताओं ने पेरारीवलन की रिहाई का स्वागत किया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि पार्टी उच्च न्यायालय के फैसले को ‘स्वीकार’ करती है।

भाषा

फाल्गुनी मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)