करनाल (हरियाणा), सात सितंबर (भाषा) पिछले महीने पुलिस लाठीचार्ज को लेकर हरियाणा की भाजपा नीत सरकार के साथ तनातनी के बीच मंगलवार को बड़ी संख्या में किसानों ने जिला मुख्यालय का घेराव करते हुए इसके गेट पर धरना शुरू किया।
यह घेराव शाम को शुरू हुआ। इससे कई घंटे पहले हरियाणा और पड़ोसी राज्यों से किसान ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल पर सवार होकर महापंचायत के लिए करनाल की नयी अनाज मंडी पहुंचे। महापंचायत स्थल से पांच किलोमीटर दूर मिनी सचिवालय तक पैदल मार्च करते हुए किसानों का सामना परिसर के पास पानी की बौछारों से हुआ। किसानों ने कुछ बैरिकेड पार कर लिए लेकिन रास्ते में पुलिस के साथ कोई गंभीर टकराव नहीं हुआ।
किसान पिछले महीने हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर 28 अगस्त को करनाल में हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और ऐसा नहीं होने पर उन्होंने मिनी सचिवालय का घेराव करने की धमकी दी थी।
मंगलवार सुबह महापंचायत शुरू होने के बीच स्थानीय प्रशासन ने किसानों की मांगों पर चर्चा करने के लिए उनके 11 नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था। करीब तीन घंटे बाद किसान नेताओं ने घोषणा की कि प्रशासन के साथ उनकी बातचीत नाकाम हो गयी है। इसक बाद हजारों किसानों ने सचिवालय की ओर पैदल मार्च शुरू कर दिया। नेताओं ने किसानों से कहा कि वे पुलिसकर्मियों के साथ किसी भी तरह का टकराव मोल न लें और जहां भी उन्हें रोका जाए, वे विरोध में वहीं बैठ जाएं।
स्वराज इंडिया के प्रमुख तथा संयुक्त किसान मोर्चा नेता योगेंद्र यादव ने बाद में कहा, “मिनी सचिवालय का घेराव शुरू हो गया है। हम यहां शांतिपूर्वक बैठेंगे। सभी बाधाओं के बावजूद, हमने मिनी सचिवालय का घेराव किया है।’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हमें मिनी सचिवालय के अंदर प्रवेश करने की जरूरत नहीं है और हमें केवल बाहर से घेराव करना है।’
रात होने के बीच किसान नेताओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक घेराव जारी रहेगा।
यादव ने कहा कि मंगलवार को प्रशासन से बातचीत के दौरान किसान नेताओं ने केवल भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी के निलंबन पर जोर दिया और कोई अन्य मांग नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग को खारिज कर दिया। अधिकारियों ने हालांकि किसान नेताओं से कहा कि जांच करायी जाएगी।
भाषा
अविनाश पवनेश
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