पेड़ों की कटाई: न्यायालय ने एसओपी के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये

पेड़ों की कटाई: न्यायालय ने एसओपी के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये

पेड़ों की कटाई: न्यायालय ने एसओपी के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के निर्देश दिये
Modified Date: June 26, 2025 / 07:30 pm IST
Published Date: June 26, 2025 7:30 pm IST

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में पेड़ों की कटाई या प्रतिरोपण पर मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कई निर्देश पारित किये।

न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने दिल्ली के नागरिकों के अधिकारों और संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त वातावरण में रहने के अधिकारों को रेखांकित किया।

एसओपी के अलावा, अदालत ने उप वन संरक्षक (डीसीएफ) या वृक्ष अधिकारी को उस परियोजना की योजना बनाने के चरण में शामिल होने का निर्देश दिया, जिसमें पेड़ों की कटाई या प्रतिरोपण शामिल है।

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न्यायाधीश ने 20 मई को कहा, ‘‘इसके अतिरिक्त, प्रतिपूरक वृक्षारोपण में यह सुनिश्चित किया जाए कि लगाए जाने वाले पेड़ 6 फुट से कम ऊंचे न हों।’’

अदालत ने कहा कि पेड़ों की कटाई की मांग करने वाला आवेदक एक हलफनामा दाखिल करे, जिसमें पांच साल तक लगाए गए पेड़ों की देखभाल करने का वचन दिया जाए। इसमें सींचना और देखरेख करना शामिल है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि जिन पेड़ों को प्रतिरोपित किया जाना है, उनकी ज्यादा छंटाई नहीं की जाए।

अधिकारी को आस-पड़ोस में हरित आच्छादन पर समग्र प्रभाव, वृक्षों की आयु और उनके द्वारा समर्थित पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ने वाले प्रभाव के साथ-साथ वृक्षों के प्रतिरोपण के बाद भी इनके जीवित रहने की संभावना का भी लेखा-जोखा रखने का कार्य सौंपा गया।

अदालत ने कहा कि एसओपी दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम के अनुरूप काम करेगी और मंजूरी के बाद निगरानी उप वन संरक्षक द्वारा की जाएगी।

अदालत पेड़ों के संरक्षण पर न्यायिक आदेशों का पालन न करने के लिए एक अवमानना ​​याचिका पर सुनवाई कर रही क्योंकि उच्च न्यायालय ने पाया था कि आधिकारिक मंजूरी के तहत दिल्ली में हर घंटे एक पेड़ काटा जा रहा है।

अवमानना ​​याचिका में कहा गया कि राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारी अप्रैल 2022 के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसमें वृक्ष अधिकारियों को पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के लिए कारण बताने की आवश्यकता थी।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश


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