नारीवाद कोई पश्चिमी अवधारणा नहीं, भारतीय सभ्यता में अंतर्निहित: जेएनयू कुलपति |

नारीवाद कोई पश्चिमी अवधारणा नहीं, भारतीय सभ्यता में अंतर्निहित: जेएनयू कुलपति

नारीवाद कोई पश्चिमी अवधारणा नहीं, भारतीय सभ्यता में अंतर्निहित: जेएनयू कुलपति

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:46 PM IST, Published Date : May 24, 2022/9:01 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने मंगलवार को कहा कि नारीवाद कोई पश्चिमी अवधारणा नहीं है बल्कि भारतीय सभ्यता में अंतर्निहित है। उन्होंने यह भी कहा कि द्रौपदी और सीता से बड़ी नारीवादी कोई और हो नहीं सकती।

पंडित एक समारोह को संबोधित कर रही थीं जिसमें उन्हें श्रीमती सुषमा स्वराज स्त्री शक्ति सम्मान-2022 से सम्मानित किया गया। उन्होंने समारोह में आधुनिक भारत के बौद्धिक विमर्श में रुचि रखने वाले छात्रों से भारतीय नारीवादियों का अध्ययन करने को कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘नारीवाद कोई पाश्चात्य अवधारणा नहीं है, बल्कि भारतीय सभ्यता में अंतर्निहित है। द्रोपदी या सीता से महान नारीवादी कोई हो नहीं सकतीं।’’

कुलपति ने कहा, ‘‘मैं दक्षिण भारत से आती हूं जहां कन्नगी और मनिकेकलाई का वर्णन मिलता है। मैं अनेक छात्रों से आग्रह करती हूं कि आधुनिक भारत के बौद्धिक विमर्श में रुचि रखने वाले लोग इन पात्रों का अध्ययन करें।’’

भाषा वैभव नरेश

नरेश

 

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