‘फिफाट्रोल’ औषधि वायरल संक्रमण, डेंगू के इलाज में प्रभावी: बीएचयू आयुर्वेद विशेषज्ञ का दावा |

‘फिफाट्रोल’ औषधि वायरल संक्रमण, डेंगू के इलाज में प्रभावी: बीएचयू आयुर्वेद विशेषज्ञ का दावा

‘फिफाट्रोल’ औषधि वायरल संक्रमण, डेंगू के इलाज में प्रभावी: बीएचयू आयुर्वेद विशेषज्ञ का दावा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : September 26, 2021/5:34 pm IST

नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) देश के विभिन्न हिस्सों में डेंगू, इन्फ्लुएंजा और वायरल बुखार के मामलों में वृद्धि के बीच विशेषज्ञों ने दावा किया है कि ‘फिफाट्रोल’ जैसी औषधि प्रतिरक्षा बढ़ाने तथा इन बीमारियों के जल्दी ठीक होने में मदद कर सकती है।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रोफेसर के एन द्विवेदी ने कहा कि आयुर्वेद में कुछ जड़ी-बूटियां और मिश्रण हैं जो मौसमी फ्लू और मच्छरों के कारण होने वाले संक्रमण को बढ़ने से रोक सकते हैं तथा धीरे-धीरे उन्हें खत्म कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि गुडुची, दारुहरिद्र, अपामार्ग, चिरैता, करंज, कुटकी, तुलसी, गोदंती, मृत्युंजय रस, त्रिभुवन कृति रस और संजीवनी वटी जैसी जड़ी-बूटियों से बनी और प्रतिरक्षा को मजबूत करने वाली औषधि ‘फिफाट्रोल’ को संक्रमण, फ्लू और सर्दी से निपटने में मददगार पाया गया है।

आयुर्वेद विशेषज्ञों ने एआईएमआईएल फार्मा द्वारा विकसित औषधि को डेंगू और वायरल फ्लू के रोगियों के उपचार में इस्तेमाल की सिफारिश की है और यह बहुत प्रभावी है। सूत्रों के मुताबिक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भोपाल में डेंगू के मरीजों पर ‘फिफाट्रोल’ के परीक्षण के दौरान ब्लड प्लेटलेट काउंट काफी बढ़ा हुआ पाया गया।

प्रोफेसर द्विवेदी ने बताया कि डेंगू चार प्रकार के होते हैं। इनमें से रोगियों में सीरोटाइप-दो की मौजूदगी को गंभीर माना जाता है और यह विभिन्न राज्यों में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सीरोटाइप-दो डेंगू संक्रमण में प्लेटलेट की संख्या तेजी से गिरती है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया अति सक्रिय हो जाती है। इस दौरान सिकोटाइन के ज्यादा बनने से शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है। डेंगू का यह रूप किडनी को भी प्रभावित करता है।

द्विवेदी ने कहा, ‘‘यह औषधि (फिफाट्रोल) प्रतिरक्षा बढ़ाकर बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी से लड़ सकती है और नाक जाम होने, गले में खराश, शरीर में दर्द और सिरदर्द से तेजी से राहत प्रदान करती है।’’

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमानों के अनुसार, दुनिया भर में हर पांच में से एक व्यक्ति एक वर्ष में मौसमी बीमारियों के चरम के दौरान वायरल बुखार और मच्छर जनित बीमारी से संक्रमित हो सकता है।

भाषा आशीष रंजन

रंजन

 

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