'धर्म संसद' घृणा भाषण मामले में पहली गिरफ्तारी, यति नरसिंहानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को नोटिस जारी |

‘धर्म संसद’ घृणा भाषण मामले में पहली गिरफ्तारी, यति नरसिंहानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को नोटिस जारी

'धर्म संसद' घृणा भाषण मामले में पहली गिरफ्तारी, यति नरसिंहानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को नोटिस जारी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : January 13, 2022/10:59 pm IST

देहरादून, 13 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में कथित तौर पर घृणा फैलाने वाले भाषण देने के मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बृहस्पतिवार को वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को गिरफ्तार करने के साथ ही दो अन्य आरोपियों यति नरसिंहानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को पेश होने के लिए नोटिस जारी किए।

ये तीनों उन अन्य लोगों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ मामले में प्राथमिकी दर्ज है।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि रिजवी को जहां गिरफ्तार किया गया है, वहीं यति नरसिंहानंद और साध्वी अन्नपूर्णा को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 के तहत पेश होने के लिए नोटिस भेजे गए हैं।

यति नरसिंहानंद उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना मंदिर के पुजारी हैं जोकि अपने बयानों को लेकर पहले भी विवादों में रहे हैं। यति नरसिंहानंद ने हरिद्वार में धर्म संसद का आयोजन किया था जबकि साध्वी अन्नपूर्णा ने आयोजन में वक्ता के रूप में भाग लिया था, जहां मुसलमानों के खिलाफ कथित तौर पर भडकाऊ भाषण दिए गए।

हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक योगेंद्र रावत ने बताया कि रिजवी को रूड़की के नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया।

कुछ माह पूर्व हिंदू धर्म अपनाने के बाद जितेंद्र नारायण त्यागी बने 52 वर्षीय लखनऊ निवासी वसीम रिजवी का नाम उन 10 से ज्यादा लोगों में शामिल है, जिनके खिलाफ मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। रिजवी उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख रह चुके हैं।

हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक हुई धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ कथित रूप से भडकाऊ भाषण देने के मामले में यह पहली गिरफ्तारी है।

यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले में और भी गिरफ्तारी होंगी? पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह आगे विवेचना पर निर्भर करेगा।

गौरतलब है कि धर्म संसद में कथित भडकाऊ भाषण देने के मामले में कार्रवाई करने को लेकर राज्य सरकार पर चौतरफा दबाव पड़ रहा था। इस मामले में बुधवार को उच्चतम न्यायालय ने भी घटना के इतने दिनों बाद भी कोई कार्रवाई न करने के लिए राज्य सरकार की खिंचाई की थी।

भाषा दीप्ति शफीक

 

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