अरुणाचल में बाढ़ की स्थिति में सुधार, राजधानी ईटानगर में पेयजल संकट

अरुणाचल में बाढ़ की स्थिति में सुधार, राजधानी ईटानगर में पेयजल संकट

अरुणाचल में बाढ़ की स्थिति में सुधार, राजधानी ईटानगर में पेयजल संकट
Modified Date: June 7, 2025 / 09:01 pm IST
Published Date: June 7, 2025 9:01 pm IST

ईटानगर, सात जून (भाषा)अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति में शनिवार को सुधार आया और अधिकतर नदियों का जलस्तर घटने लगा है। हालांकि 24 जिलों के 33,000 लोग अब भी प्रभावित हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि मानसून आने के बाद भूस्खलन सहित वर्षाजनित घटनाओं में 12 लोगों की मौत हुई है और एक व्यक्ति अब भी लापता है।

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) ने अपनी दैनिक रिपोर्ट में कहा कि राज्य में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 215 गांवों के 33,200 लोग प्रभावित हैं।

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इसमें कहा गया है कि पिछले 24 घंटों में अधिकांश प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों के जलस्तर में कमी आई है।

एसईओसी ने बताया कि बाढ़ से राज्य में 515 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और 432 मवेशियों की मौत हुई है। उसने बताया कि राज्य में 112 सड़कें और 17 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं; बाढ़ से 51 जलापूर्ति परियोजनाएं, 17 बिजली पारेषण लाइन और आठ पनबिजली परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।

एसईओसी की दैनिक रिपोर्ट के मुताबिक चांगलांग सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां छह गांव जलमग्न हो गए हैं और 2,231 लोग बेघर हो गए हैं।

उसने बताया कि अचानक आई बाढ़ से ट्रांस अरुणाचल हाईवे पर बना माकनटोंग पुल बहा गया, जिससे मियाओ और बोर्डुम्सा के बीच संपर्क टूट गया। स्थानीय लोगों की सुविधा के लिए नौका सेवा की शुरुआत करने का फैसला किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन से जिले में लगभग 17 हेक्टेयर कृषि भूमि और 20 हेक्टेयर में लगे बाग को भी नुकसान हुआ है।

ईटानगर राजधानी क्षेत्र में भूस्खलन के कारण पोमा जल आपूर्ति परियोजना की पाइपलाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे पेयजल संकट पैदा हो गया।

अधिकारियों ने बताया कि मरम्मत की प्रक्रिया में कई दिन लगेंगे। उन्होंने बताया कि पानी के टैंकर से जलापूर्ति की कोशिश की जा रही है।

अधिकारियों के मुताबिक राज्य में तीन राहत शिविर बनाए गए हैं और 239 लोग ने इनमें शरण ली है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवकों की मदद से राहत और बचाव कार्य जारी है।

भाषा धीरज रंजन

रंजन


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