वन मंत्री ने की ‘‘532 एकड़ वन भूमि हड़पने की साजिश’ की सीआईडी जांच की मांग
वन मंत्री ने की ‘‘532 एकड़ वन भूमि हड़पने की साजिश' की सीआईडी जांच की मांग
बेलगावी (कर्नाटक), नौ दिसंबर (भाषा) कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखकर 532 एकड़ वन और सरकारी भूमि हड़पने के लिए कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल से जुड़ी साजिश की सीआईडी जांच और एक अनुकूल अदालती आदेश हासिल करने की मांग की है।
खांड्रे के अनुसार एम बी नेमन्ना गौड़ा उर्फ एम बी मन्मथ नामक व्यक्ति ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की थी जिस पर अदालत ने निर्देश दिया कि 532 एकड़ भूमि – जिसमें बेंगलुरु के केंगेरी में बीएम कवल के पास 482 एकड़ आरक्षित वन भूमि भी शामिल है, के अभिलेख तीन महीने के भीतर उसके नाम पर स्थानांतरित कर दिए जाएं।
अपने पत्र में मंत्री ने कहा कि सरकार को इस घटनाक्रम की जानकारी अंतिम समय में मिली। उन्होंने कहा कि ‘‘90 दिन की समय सीमा समाप्त होने से एक दिन पहले तक सरकार के अतिरिक्त सरकारी वकील योगन्ना ने यह जानकारी न तो सरकार को दी और न ही वन विभाग को।’’
वन मंत्री ने कहा कि अगर विभाग को आखिरी समय में सूचित नहीं किया जाता, तो हम लगभग 25,000 करोड़ रुपये की यह ज़मीन खो देते।
वन मंत्री ने कहा कि उन्होंने एक तत्काल बैठक बुलाई और अधिकारियों को अपील दायर करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मन्मथ उर्फ़ नेमन्ना गौड़ा ने पहले भी ‘‘नकली दस्तावेज़’’ पेश करके सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी।
मंत्री ने कहा कि चिक्कमगलुरु के तत्कालीन उप-मंडल अधिकारी देबजीत कुमार ने 25 सितंबर 2024 के एक आदेश में निर्देश दिया था कि मन्मथ के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
खांड्रे ने कहा कि बीएम कवल का मामला सामने आने के बाद उन्होंने अधिकारियों को चिकमंगलूर पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
खांड्रे ने एक बयान में कहा, ‘‘ हालांकि मूडीगेरे क्षेत्राधिकारी को 28 नवंबर 2025 को शिकायत मिली थी, लेकिन अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई।’’
उन्होंने इस देरी को ‘संदिग्ध’ बताया।
खांड्रे ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ अधिकारियों और अतिरिक्त सरकारी वकील ने हज़ारों करोड़ रुपये की ज़मीन हड़पने की कोशिश करने वालों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मदद की थी।
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे एक विशेष जांच दल गठित करें या मामले की व्यापक जांच के लिए इसे सीआईडी को सौंप दें तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।
भाषा शोभना पवनेश
पवनेश

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