जम्मू, 24 मई (भाषा) स्वास्थ्य सेवा निदेशालय ने मंगलवार को बनिहाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के खिलाफ एक शिकायत की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया, जहां एक नवजात को उसके जन्म के कुछ देर बाद चिकित्सकों ने कथित तौर पर गलत तरीके से मृत घोषित कर दिया था।
निदेशालय ने संजय तुर्की, सहायक निदेशक (योजनाएं), डीएचएस जम्मू की अध्यक्षता वाली समिति को दो दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है।
स्थानीय लोगों द्वारा कब्रिस्तान में बच्ची को दफनाने का विरोध करने के बाद, परिवार को करीब एक घंटे बाद बच्ची को कब्र से निकालना पड़ा।
घटना के बाद सीएचसी बनिहाल में चमत्कारिक तरीके से बच्ची के जिंदा मिलने के बाद उसके रिश्तेदारों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद प्रखंड चिकित्सा अधिकारी ने प्रसव कक्ष में कार्यरत दो कर्मियों को निलंबित कर दिया है और जांच के आदेश दिए हैं।
जम्मू स्वास्थ्य सेवा निदेशक सलीम-उर-रहमान ने घटना की गंभीरता को समझते हुए चार सदस्यीय समिति का गठन किया और उन्हें दो दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
सलीम-उर-रहमान द्वारा सोमवार देर शाम जारी एक आदेश के अनुसार, समिति के अन्य सदस्यों में ज्योति बहू, जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नोडल अधिकारी डीएचएस जम्मू, रामबन जिला अस्पताल बाल रोग विशेषज्ञ नरिंदर और रामबन जिला अस्पताल स्त्री रोग विशेषज्ञ शबीर शामिल हैं।
अधिकारियों ने कहा कि समिति के सदस्य मामले की जांच और जिम्मेदारी तय करने के लिए बनिहाल अस्पताल जा रहे हैं।
बनिहाल अस्पताल से रेफर किए जाने के बाद बच्ची को सोमवार को श्रीनगर के सरकारी सुपर स्पेशियलिटी जीबी पंत चिल्ड्रेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बच्ची बशारत अहमद गुज्जर और शमीना बेगम की है। उन्होंने बताया कि उप जिला अस्पताल में सोमवार को बच्ची का जन्म सामान्य प्रसव से हुआ। वह बनिहाल कस्बे से तीन किलोमीटर दूर बांकूट गांव के रहने वाले हैं।
भाषा फाल्गुनी उमा
उमा
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