अंतिम मतदान प्रतिशत के वक्त लैंगिक मतदान अनुपात बताया जाता है: तेजस्वी के आरोपों पर निर्वाचन आयोग

अंतिम मतदान प्रतिशत के वक्त लैंगिक मतदान अनुपात बताया जाता है: तेजस्वी के आरोपों पर निर्वाचन आयोग

अंतिम मतदान प्रतिशत के वक्त लैंगिक मतदान अनुपात बताया जाता है: तेजस्वी के आरोपों पर निर्वाचन आयोग
Modified Date: November 10, 2025 / 08:53 pm IST
Published Date: November 10, 2025 8:53 pm IST

नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के पुरुष-महिला मतदान आंकड़े “प्रकट न करने” को लेकर निर्वाचन आयोग की आलोचना के बीच, अधिकारियों ने सोमवार को स्पष्ट किया कि लैंगिक (जेंडर के अनुसार) मतदान अनुपात आमतौर पर अंतिम मतदान प्रतिशत जारी किए जाने के समय बताया जाता है।

अधिकारियों ने कहा कि मतदान में पुरुष और महिला मतदाताओं का अनुपात सामान्यत: अंतिम मतदान के समय ही जारी किया जाता है।

मतदान का पहला चरण छह नवंबर को संपन्न हुआ था, जबकि दूसरा चरण मंगलवार को होगा। आयोग के अनुसार, पहले चरण में लगभग 65.08 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत डाले।

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पटना में आयोजित संवाददाता सममेलन में यादव ने दावा किया कि विपक्षी गठबंधन ‘‘मत चोरी या किसी भी प्रकार की बेईमानी’’ को बर्दाश्त नहीं करेगा।

उन्होंने दावा किया, ‘‘निर्वाचन आयोग ने छह नवंबर को मतदान करने वाले मतदाताओं का लैंगिक आंकड़ा अब तक नहीं जारी किया है, जबकि विधानसभा चुनाव के पहले चरण के चार दिन बीत चुके हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है। पहले इसे तुरंत जारी किया जाता था।’’

यादव ने यह भी दावा किया कि बिहार में चुनाव ड्यूटी के लिए सुरक्षा कर्मियों की कुल 208 कंपनियों की तैनाती भाजपा शासित राज्यों से की गई है।

उन्होंने पूछा, ‘‘ भाजपा शासित राज्यों से सुरक्षाकर्मी क्यों तैनात किए गए हैं? हम उन पर कड़ी नजर रख रहे हैं। करीब 68 प्रतिशत पुलिस पर्यवेक्षक भाजपा शासित राज्यों से हैं। ऐसा क्यों है?’’

आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि तैनात किए गए लगभग 80 प्रतिशत पुलिस बल केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) से हैं और केवल लगभग 20 प्रतिशत पुलिस बल राज्य सशस्त्र पुलिस (एसएपी) से तैनात हैं, जिन्हें उनकी उपलब्धता के अनुसार विभिन्न राज्यों से आनुपातिक रूप से लिया जाता है।

झारखंड, तेलंगाना, केरल, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक सहित 24 विभिन्न राज्यों से पर्यवेक्षकों को लिया गया है।

उन्होंने बताया कि सभी राज्यों से आनुपातिक रूप से पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है, चाहे संबंधित राज्य में सत्तारूढ़ दल कोई भी हो।

उन्होंने यह भी बताया कि सभी ‘‘स्ट्रांग रूम’’ में सीसीटीवी काम कर रहे हैं और जहां भी कोई खराबी सामने आई है, उसे तुरंत ठीक कर दिया गया है।

भाषा

शोभना अविनाश

अविनाश


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