जेल में बंदियों की हर छह माह पर कराएं टीबी व एड्स की जांच: एनएचआरसी ने गुजरात सरकार से कहा |

जेल में बंदियों की हर छह माह पर कराएं टीबी व एड्स की जांच: एनएचआरसी ने गुजरात सरकार से कहा

जेल में बंदियों की हर छह माह पर कराएं टीबी व एड्स की जांच: एनएचआरसी ने गुजरात सरकार से कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : September 7, 2021/4:38 pm IST

नयी दिल्ली, सात सितंबर (भाषा) गुजरात में सूरत के एक केंद्रीय कारागार में क्षय रोग (टीबी) के अधिक मामले सामने आने के बाद, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने राज्य सरकार और जेलों के प्रमुख से कारागार में बंद कैदियों की हर छह महीने पर टीबी और एचआईवी की जांच कराने को कहा है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

एनएचआरसी ने एक बयान में कहा कि आयोग ने सुझाव दिया है कि बीमारी के कारण जिनकी कैदियों की हालत नाजुक है, सरकार को उनकी सजा कम करने पर प्राथमिकता से विचार करना चाहिए। आयोग ने राज्य सरकार से लाजपुर केंद्रीय कारागार और अस्पताल में कमर्चारियों की संख्या बढ़ाने और जल्द से जल्द रिक्त पदों को भरने को कहा है।

बयान में कहा गया, ”लाजपुर केंद्रीय कारागार, सूरत में टीबी के मरीजों की अधिक संख्या के मद्देनजर एनएचआरसी ने जेल महानिदेशक और राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि बंदियों की हर छह महीने पर टीबी और एचआईवी/एड्स की जांच कराई जाए ताकि समय रहते उनका उपचार हो सके और बीमारी को फैलने से रोका जा सके।”

आयोग ने यह भी सुझाव दिया है कि जिन कैदियों की हालत नाजुक है, सरकार को उनकी सजा कम करने पर प्राथमिकता से विचार करना चाहिए। एक मजिस्ट्रेटी जांच की रिपोर्ट में जेल में कई कैदियों को टीबी होने की जानकारी सामने आने के बाद आयोग की सदस्य ज्योतिका कालरा के नेतृत्व में एनएचआरसी के एक दल ने जेल का दौरा किया था।

बयान के अनुसार, उक्त जेल में उचित चिकित्सा नहीं मिलने के कारण 21 साल के एक विचाराधीन कैदी की 15 जुलाई 2020 टीबी से मौत हो गई थी जो 27 अप्रैल 2019 को जेल में आने के वक्त स्वस्थ था।

भाषा यश पवनेश

पवनेश

 

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