गोवा के कांग्रेस नेता का न्यायालय से अयोग्यता याचिका पर निर्णय के लिये विस अध्यक्ष को निर्देश देने का अनुरोध

गोवा के कांग्रेस नेता का न्यायालय से अयोग्यता याचिका पर निर्णय के लिये विस अध्यक्ष को निर्देश देने का अनुरोध

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  • Publish Date - January 4, 2021 / 08:55 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) गोवा से कांग्रेस के एक नेता ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि जुलाई 2019 में भाजपा में शामिल हुए उनकी पार्टी के 10 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की याचिकाओं पर निर्णय लेने का विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया जाये।

प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कांग्रेस नेता गिरीश चोडानकर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को कहा कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में इस याचिका पर सुनवाई की जायेगी।

सिब्बल ने पीठ ने कहा कि विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए अगस्त 2019 में विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष याचिका दायर की गई थी और अब डेढ़ साल हो गया है लेकिन इस पर अब भी कोई निर्णय नहीं लिया गया।

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई के दौरान उन्होंने शीर्ष अदालत से विधानसभा अध्यक्ष को याचिका पर फैसला करने का निर्देश देने का अनुरोध किया।

गोवा के जिन विधायकों को आयोग्य ठहराने की अपील की गई है, उनकी ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि चोडानकर की याचिका पहले ही दायर कर चुके हैं और अब उस पर सुनवाई की तारीख तय की जा सकती है।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने चोडानकर की याचिका पर विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय के साथ ही दस विधायकों को नोटिस जारी किये थे। और इन सभी से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। गया है। चोडानकर उस समय गोवा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष थे लेकिन बाद में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था।

चोडानकर याचिका में अयोग्यता याचिका लंबित होने के दौरान इन 10 विधायकों के विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया है।

याचिका में तीन विधायकों-चंद्रकांत कावलेकर, जेनिफर मॉन्सरेट और फिलिप रोड्रिक्स को गोवा में बतौर मंत्री काम करने से रोकने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

चोडानकर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि पिछले साल जुलाई में इन 10 विधायकों ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो तिहाई हिस्सा होने का दावा करते हुये भाजपा के विधायक दल में विलय का निर्णय किया था और तद्नुसार अध्यक्ष को इसकी जानकारी दी थी।

इसी जानकारी के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गोवा विधानसभा में विधायी दल के कथित विलय का संज्ञान लेते हुये इन विधायकों को भाजपा के सदस्यों के साथ सीट आवंटित कर दी थी।

याचिका के अनुसार इन दस में से नौ विधायकों ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था और वे चुनाव जीते थे। एक विधायक ने 2019 में विधानसभा के लिये हुये उपचुनाव में विजय हासिल की थी।

भाषा निहारिका अनूप

अनूप