क्षतिपूरक वनीकरण के लिए अच्छी गुणवत्ता की भूमि का चयन किया जाए: समिति

क्षतिपूरक वनीकरण के लिए अच्छी गुणवत्ता की भूमि का चयन किया जाए: समिति

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  • Publish Date - June 29, 2022 / 05:28 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:46 PM IST

नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की एक समिति ने राज्यों को क्षतिपूरक वनीकरण के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली भूमि उपलब्ध कराने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि इस तरह की भूमि का चयन गैर-वनीकरण कार्य के लिए तब्दील की गई भूमि के आसपास के इलाके में किया जाए।

भूमि संरक्षण अधिनियिम के तहत जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक क्षतिपूरक वनीकरण, उपयोगकर्ता एजेंसी की लागत से समान क्षेत्रफल की उपयुक्त गैर वन भूमि पर किया जाए, जिसे गैर वनीकरण कार्य के लिए तब्दील करने का प्रस्ताव हो।

क्षतिपूरक वनीकरण, गैर वनीकरण कार्य के लिए तब्दील की गई भूमि के दोगुने क्षेत्र वाली उस भूमि पर किया जा सकता है जिसका क्षरण हो गया है। केंद्र सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा क्रियान्वित परियोजनाओं के मामले में ऐसा किया जा सकता है।

वन सलाहकार समिति ने 13 जून को हुई बैठक में कहा कि मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर विचार किये बगैर क्षतिपूरक वनीकरण के लिए भूमि का चयन किया जाता है।

समिति ने कहा कि मंत्रालय के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि ‘‘यथासंभव क्षतिपूरक वनीकरण भूमि का चयन तब्दील किये जाने वाले वन क्षेत्र के आसपास किया जाना चाहिए और नजदीक में इस तरह की भूमि उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में ही नजदीकी जिले में वैकल्पिक भूमि का चयन किया जाना चाहिए।’’

समिति ने यह भी कहा कि गैर वनीकरण उद्देश्य के लिए अच्छी गुणवत्ता की भूमि तब्दील किये जाने के एवज में घटिया किस्म की भूमि क्षतिपूरक वनीकरण के लिए उपलब्ध कराई जाती है और वह भी दूर किसी अलग-थलग स्थान पर, जिससे वन विभाग द्वारा इसका प्रबंधन करना एक मुश्किल कार्य हो जाता है। परिणामस्वरूप पारिस्थितिकी को हुई क्षति की भरपाई की गति धीमी हो जाती है।

भाषा

सुभाष नरेश

नरेश