नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) दिव्यांगता पर केंद्रीय सलाहकार बोर्ड ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उन सरकारी इमारतों का जुलाई अंत तक आकलन करने को कहा है जिन्हें ‘सुगम्य भारत अभियान’ के तहत यथासंभव कम समय में दिव्यांग जनों की सुविधा के अनुकूल बनाया जाना है।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम,2016 ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सभी मौजूदा सरकारी इमारतों को समुदाय की सुविधा के अनुकूल बनाने के लिए पांच साल का समय दिया था जिसकी समय सीमा 14 जून को समाप्त हो रही है। लेकिन अब तक राज्य सरकारों की सिर्फ 585 और केंद्र की 1,030 इमारतों को ही निर्बाध बनाया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को हुई बैठक में बाोर्ड ने राज्यों से इन इमारतों को यथासंभव कम समय में दिव्यांग जनों की सुविधा के अनुकूल बनाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। साथ ही कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य सेवाएं प्रदान करने वाली इमारतों को प्राथमिकता के आधार पर परिवर्तित किया जाए।
अधिकारी ने बताया कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को सरकारी भवनों का 31 जुलाई तक आकलन करने और समय बढ़ाने की जरूरत पर दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग को प्रस्ताव सौंपने को कहा गया है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने राज्यों से सुगम्य भारत अभियान के क्रियान्वयन में तेजी लाने का आग्रह किया है।
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