मूल निवासियों के सार्वजनिक भूमि पर कब्जा करने को सरकार अतिक्रमण नहीं मानती: हिमंत

मूल निवासियों के सार्वजनिक भूमि पर कब्जा करने को सरकार अतिक्रमण नहीं मानती: हिमंत

मूल निवासियों के सार्वजनिक भूमि पर कब्जा करने को सरकार अतिक्रमण नहीं मानती: हिमंत
Modified Date: August 2, 2025 / 08:17 pm IST
Published Date: August 2, 2025 8:17 pm IST

उदालगुड़ी, दो अगस्त (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को कहा कि मूल निवासियों द्वारा सार्वजनिक भूमि पर अनाधिकृत कब्जे को सरकार अतिक्रमण नहीं मानती।

यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक कार्यक्रम से इतर शर्मा ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार राज्यभर में संदिग्ध विदेशियों द्वारा किए गए अतिक्रमणों के खिलाफ अपना बेदखली अभियान जारी रखेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘अतिक्रमण दो तरह के होते हैं। अगर मूल निवासी (अनधिकृत रूप से) रह रहे हैं, तो हम इसे अतिक्रमण नहीं मानते। जो लोग बांग्लादेश से आए हैं हम केवल उन्हीं मामलों को अतिक्रमण मानते हैं।’’

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शर्मा की यह टिप्पणी गोलाघाट जिले में लगभग 11,000 बीघा (लगभग 1,500 हेक्टेयर) वन भूमि से कथित अतिक्रमण हटाने के लिए शुरू किए गए बड़े पैमाने पर बेदखली अभियान की पृष्ठभूमि में आई है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिन जगहों पर विदेशी और संदिग्ध नागरिक रह रहे हैं, हम वहां से उन्हें बेदखल करेंगे। यही हमारा लक्ष्य है और हम इसी के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं।’’

भाषा खारी माधव

माधव


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