नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने निवेशकों से ठगी के आरोप में पुलिस को एक रियल एस्टेट कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट यशदीप चहल ने आदेश पारित करते हुए कहा कि आरोपों को देखते हुए पुलिस/राज्य एजेंसी से इनकी जांच कराने की जरूरत है।
न्यायाधीश ने पुलिस को आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और आपराधिक धमकी देने के आरोप में ‘आईएसएच रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड’ और उसके निदेशकों के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश ने कहा, “शिकायत में दिए गए तथ्यों से पता चलता है कि विवाद पूरी तरह से दस्तावेज पर आधारित नहीं है और आरोपों की सच्चाई का पता लगाने के लिए इस मामले में कुछ जांच जरूरी है। इसके अलावा, शिकायतकर्ता पुलिस जांच के बिना अपनी शिकायत को सही साबित करने की स्थिति में नहीं है।”
उन्होंने कहा कि शिकायत के साथ-साथ पेश दस्तावेज से प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराधों का पता चलता है।
न्यायाधीश ने पांच दिसंबर को पारित एक आदेश में कहा, “इन तथ्यों के मद्देनजर इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज किए जाने की जरूरत है।”
शिकायतकर्ता रमन सूरी और हर्ष वर्धन सूरी की ओर से पेश अधिवक्ता सुमित गहलोत ने दावा किया कि उन्होंने ‘आईएसएच रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड’ की आगामी वाणिज्यिक परियोजना ‘स्काईलाइन 109’ में सेक्टर 109, गुरुग्राम, हरियाणा में खुदरा दुकानें बुक की थीं।
हालांकि, बाद में शिकायतकर्ताओं को पता चला कि आरोपी के पास बुकिंग/विपणन/भुगतान की प्राप्ति के समय वाणिज्यिक परियोजना को विकसित करने के लिए कोई लाइसेंस/अनुमति नहीं थी, और यह कि परियोजना अब अधर में लटकी हुई है।
भाषा
जोहेब पवनेश
पवनेश
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