विदेशी मरीजों के लिए सरकार की वीजा नियमों को आसान बनाने, चिकित्सा अवसंरचना बढ़ाने की योजना |

विदेशी मरीजों के लिए सरकार की वीजा नियमों को आसान बनाने, चिकित्सा अवसंरचना बढ़ाने की योजना

विदेशी मरीजों के लिए सरकार की वीजा नियमों को आसान बनाने, चिकित्सा अवसंरचना बढ़ाने की योजना

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:02 PM IST, Published Date : June 25, 2022/6:36 pm IST

(पायल बनर्जी)

नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) सरकार ने अपनी ‘हील इन इंडिया’ पहल के तहत चिकित्सा यात्रा को बढ़ावा देने के लिए उन 17 शहरों में चिकित्सा अवसंरचना को बढ़ाने के लिए एक योजना तैयार की है, जहां चिकित्सा उपचार के लिए काफी विदेशी रोगियों का आगमन होता है।

आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इसके अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय भारत आने वाले मरीजों की संख्या और वहां चिकित्सा उपचार की गुणवत्ता और लागत के आधार पर पहचाने गए 44 देशों के मरीजों और उनके साथ आने वालों के लिए चिकित्सा वीजा मानदंडों और अन्य आवश्यकताओं को आसान बनाने पर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि ये मुख्य रूप से अफ्रीकी, लैटिन अमेरिकी देश हैं। इसके अलावा दक्षेस और खाड़ी सहयोग परिषद समूहों के सदस्य भी हैं।

‘हील इन इंडिया’ के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य देश को चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन के लिए एक वैश्विक केंद्र और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित करना है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय चिकित्सा यात्रा को बढ़ावा देने के लिए भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ विदेशी मरीजों को जोड़ने के लिए एक कार्ययोजना बनाने के लिए पर्यटन, आयुष, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, अस्पतालों और अन्य हितधारकों के साथ सहयोग कर रहा है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पहल को क्रियान्वित करने के हिस्से के रूप में, सभी हितधारकों के सुव्यवस्थित एकीकरण के लिए एक संस्थागत ढांचा बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य और पर्यटन मंत्रालयों की सह-अध्यक्षता में एक नोडल एजेंसी ‘मेडिकल वैल्यू ट्रैवल काउंसिल’ का गठन किया गया है।

अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2020 में चिकित्सा पर्यटन बाजार का मूल्य छह अरब अमेरिकी डॉलर था, जिसके 2026 तक 13 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

एक सूत्र ने कहा कि 12 राज्यों के 17 शहरों में निजी क्षेत्र के 30 अस्पतालों सहित 37 अस्पतालों की पहचान ‘मेडिकल वैल्यू ट्रैवल’ (एमवीटी) को बढ़ावा देने के लिए की गई है।

पहले चरण में जिन शहरों को लक्षित किया जाएगा उनमें नई दिल्ली, पुणे, अहमदाबाद, गुरुग्राम, बेंगलुरु, अमृतसर, कोच्चि, कोयंबटूर, मुंबई, कोलकाता, गुंटूर, अलाप्पुझा, गुवाहाटी, चेन्नई, चंडीगढ़, वेल्लोर और हैदराबाद शामिल हैं।

आधिकारिक सूत्र ने कहा, “लक्षित देशों के आधार पर, हवाई अड्डों और अस्पतालों में अधिक दुभाषिए उपलब्ध कराए जा सकते हैं। चिकित्सा यात्रा, परिवहन, आवास और भोजन से संबंधित सवालों के लिए पहचाने गए हवाई अड्डों पर ‘वन-स्टॉप सेंटर’ स्थापित किए जा सकते हैं।”

स्वास्थ्य मंत्रालय, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से, विदेशी रोगियों के लिए अस्पतालों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए ‘वन-स्टॉप शॉप’ के तौर पर एक पोर्टल विकसित करने पर भी काम कर रहा है। पोर्टल अस्पतालों के वर्गीकरण और आधुनिक और पारंपरिक प्रणालियों सहित दवाओं की विभिन्न प्रणालियों के आधार पर मानकीकृत पैकेज दरों को प्रदर्शित करेगा।

इसमें एक शिकायत निवारण अनुभाग के साथ-साथ रोगी प्रतिक्रिया और प्रशंसापत्र प्रस्तुत करने का विकल्प भी होगा।

सूत्र ने बताया कि आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ढांचे के तहत एक विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान (आईडी) बनाकर और भारत में लक्षित स्वास्थ्य सुविधाओं में सेवा वितरण की निगरानी करके रोगी की यात्रा पर नजर रखने के लिए एक तंत्र भी होगा।

स्वास्थ्य सेवा उद्योग के रूप में भारत की क्षमता और लाभों के बारे में बताते हुए आधिकारिक सूत्र ने कहा कि भारतीय चिकित्सकों के पास उच्च गुणवत्ता वाला चिकित्सा प्रशिक्षण है और वे अंग्रेजी में भी पारंगत हैं।

सूत्र ने बताया, “साथ ही भारत में इलाज की लागत अधिकांश देशों की तुलना में दो से तीन गुना कम है। भारत में चिकित्सा उपचार अमेरिका की तुलना में 65 से 80 प्रतिशत सस्ता है। साथ ही, भारत आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी में भी उपचार की सुविधा प्रदान करता है।”

बांग्लादेश, इराक, मालदीव, अफगानिस्तान, ओमान, यमन, सूडान, केन्या, नाइजीरिया और तंजानिया से ही भारत आने वाले कुल अंतरराष्ट्रीय रोगियों का लगभग 88 प्रतिशत हिस्सा आता है। अकेले बांग्लादेश में कुल चिकित्सा पर्यटकों का 54 प्रतिशत हिस्सा है।

भारत में विदेशी रोगियों द्वारा हृदय रोगों, मधुमेह और गुर्दे की बीमारियों के उपचार की सबसे अधिक मांग की जाती है।

भाषा

प्रशांत देवेंद्र

देवेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)