अमरूद घोटाला: ईडी ने पंजाब में छापेमारी के दौरान तीन करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की

अमरूद घोटाला: ईडी ने पंजाब में छापेमारी के दौरान तीन करोड़ रुपये से अधिक की नकदी जब्त की

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  • Publish Date - March 28, 2024 / 08:37 PM IST,
    Updated On - March 28, 2024 / 08:37 PM IST

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने कथित अमरूद बागान मुआवजा घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में पंजाब में दो आईएएस अधिकारियों समेत विभिन्न लोगों के कई परिसर पर छापेमारी करके 3.89 करोड़ रुपये नकद व ‘संभावित अपराध’ से संबंधित दस्तावेज जब्त किए।

केंद्रीय एजेंसी ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि कहां से क्या बरामद हुआ।

छापामारी बुधवार को शुरू की गई और फिरोजपुर, मोहाली (एसएएस नगर), बठिंडा, बरनाला, पटियाला और चंडीगढ़ में कुल 26 आवासीय व व्यावसायिक परिसर पर छापेमारी की गई।

राजस्व और बागवानी विभाग के कुछ अधिकारियों और गैर सरकारी व्यक्तियों के अलावा दो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों – पंजाब के आबकारी आयुक्त वरुण रूजम और फिरोजपुर के उपायुक्त राजेश धीमान – के परिसर पर भी छापेमारी की गई।

धनशोधन का मामला कथित तौर पर मुख्य आरोपी भूपिंदर सिंह, जैस्मीन कौर और अन्य के खिलाफ पंजाब सतर्कता ब्यूरो की एक प्राथमिकी से संबंधित है।

ईडी ने एक बयान में कहा, ‘छापेमारी के दौरान संभावित अपराध के सबूत, संपत्ति के दस्तावेज, मोबाइल फोन और 3.89 करोड़ रुपये नकदी जब्त की गई।’

मामला 2016 का है जब ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमएडीए) ने आईटी सिटी के पास एयरोट्रोपोलिस आवासीय परियोजना और उसी जिले में एक एयरोसिटी स्थापित करने के लिए एसएएस नगर (मोहाली) के विभिन्न गांवों की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू की थी।

ईडी का आरोप है कि ‘जीएमएडीए, राजस्व विभाग और बागवानी विभाग के अधिकारियों के करीबी व्यक्तियों को इस तथ्य की जानकारी थी कि फल देने वाले पेड़ों (अमरूद के पेड़) के मुआवजे का आकलन अधिग्रहित भूमि के मूल्य से अलग किया जाएगा और अमरूद के पेड़ों की गुणवत्ता, आयु और विभिन्न अन्य मापदंडों के अनुसार अतिरिक्त मुआवजा दिया जाना है।”

ईडी के अनुसार, “तदनुसार, घोटाले में शामिल व्यक्तियों ने मिलीभगत की और मुआवजे का गलत लाभ उठाने के लिए अमरूद के पेड़ों के अस्तित्व, उम्र, गुणवत्ता और घनत्व के बारे में झूठे व जाली रिकॉर्ड और रिपोर्ट तैयार कीं।”

ईडी का दावा है कि इस मामले में अब तक “अपराध से अर्जित” 140 करोड़ रुपये की धनराशि का पता लगाया गया है।

भाषा जोहेब संतोष

संतोष