गुजरात : अस्पतालों को जारी आदेश के खिलाफ 30,000 डॉक्टरों ने हड़ताल की

गुजरात : अस्पतालों को जारी आदेश के खिलाफ 30,000 डॉक्टरों ने हड़ताल की

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  • Publish Date - July 22, 2022 / 09:48 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:19 PM IST

अहमदाबाद, 22 जुलाई (भाषा) अस्पतालों की इमारतों में लगाए गए शीशे को हटाने और गहन चिकित्सा इकाइयों (आईसीयू) को भूतल पर स्थानांतरित करने के गुजरात सरकार के हालिया आदेश के खिलाफ राज्य में 30,000 से अधिक निजी डॉक्टरों ने शुक्रवार को एक दिवसीय हड़ताल की।

विरोध का आह्वान करने वाली इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की गुजरात राज्य शाखा (जीएसबी) के सचिव डॉ. मेहुल शाह ने कहा कि ये नियम उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद बनाए गए और सात दिनों के भीतर इसे लागू करने की मांग ‘‘अतार्किक’’ होने के कारण हड़ताल की गई।

शाह ने कहा, ‘‘हमारी हड़ताल सफल रही क्योंकि निजी प्रैक्टिस करने वाले आईएमए के सदस्य 30,000 से अधिक डॉक्टर आज कामकाज से दूर रहे। राज्य के अस्पतालों को अधिकारियों से सात दिनों के भीतर नए नियमों को लागू करने के लिए नोटिस दिए जा रहे हैं, जो पूरी तरह से अतार्किक है और यह लोगों को प्रभावित करेगा।

गुजरात उच्च न्यायालय ने अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा और अन्य पहलुओं पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाल में राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि निजी अस्पतालों में आईसीयू भूतल पर स्थित होने चाहिए। आईएमए की गुजरात इकाई के पूर्व अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र पटेल ने कहा, ‘‘अदालत यह भी चाहती है कि अस्पताल अपनी इमारतों के शीशे को हटा दें। बिना बीयू (भवन उपयोग) मंजूरी वाली इमारतों में संचालित अस्पतालों के लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार हमें नोटिस जारी कर रही है और हमें सात दिनों के भीतर अनुपालन के लिए कह रही है, यह बिल्कुल अव्यवहारिक है।’’

पटेल ने कहा, ‘‘अगर हम आईसीयू को भूतल पर स्थानांतरित करते हैं, तो अधिक रोगी संक्रमित होंगे। इससे आईसीयू बेड की संख्या में भी भारी कमी आएगी। सरकार को संदेश देने के लिए हमने हड़ताल का आह्वान किया, जिससे 30,000 से अधिक डॉक्टर जुड़े।’’ आपात स्थिति वाले मरीजों को सरकारी अस्पतालों में भेजा गया जबकि जिन अस्पतालों में मरीज थे, वहां उपचार जारी रहा।

भाषा आशीष नरेश

नरेश