गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 63.31 प्रतिशत मतदान |

गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 63.31 प्रतिशत मतदान

गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 63.31 प्रतिशत मतदान

:   Modified Date:  December 2, 2022 / 09:12 PM IST, Published Date : December 2, 2022/9:12 pm IST

अहमदाबाद, दो दिसंबर (भाषा) गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में सौराष्ट्र-कच्छ के 19 जिलों और राज्य के दक्षिणी क्षेत्रों की 89 सीटों पर 63.31 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को अंतिम आंकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी।

आंकड़ों के मुताबिक, 2017 के विधानसभा चुनाव में, पहले चरण में इन्हीं 89 निर्वाचन क्षेत्रों में 66.75 प्रतिशत मतदान हुआ था।

पहले चरण के लिए बृहस्पतिवार को मतदान हुआ और इसके साथ ही 788 उम्मीदवारों की किस्मत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में बंद हो गई है।

निर्वाचन आयोग के मुताबिक नर्मदा जिले के देडियापाडा में सबसे अधिक 82.71 प्रतिशत मतदान हुआ, इसके बाद वलसाड जिले के कपराडा में 79.57 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। कच्छ जिले के गांधीधाम में सबसे कम 47.86 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। पहले चरण में 14 निर्वाचन क्षेत्रों में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया।

निर्वाचन आयोग ने बताया कि जिलावार आंकड़ों के मुताबिक आदिवासी बहुल नर्मदा जिले में सबसे अधिक औसत मतदान 78.24 प्रतिशत दर्ज किया गया। वहीं तापी जिले में 76.91 प्रतिशत, नवसारी में औसतन 71.06 प्रतिशत मतदान हुआ।

आयोग ने बताया कि बोटाड जिले में सबसे कम 57.58 प्रतिशत, अमेरली में 57.59 प्रतिशत, सूरत में 62.27 प्रतिशत और राजकोट में 60.45 प्रतिशत औसतन मतदान हुआ।

मतदाताओं को बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पी. भारती के कार्यालय द्वारा एक विशेष अभियान चलाया गया।

पिछले 2017 के चुनाव के दोनों चरणों में कुल मतदान 68.41 प्रतिशत था।

इस बार दूसरे चरण के लिये पांच दिसंबर को होने वाले चुनाव में कुल 833 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतगणना आठ दिसंबर को होगी।

वर्ष 2017 के चुनाव में, इन 89 सीटों में से, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 48, कांग्रेस ने 40, जबकि एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी।

राज्य में 27 साल तक शासन करने वाली भाजपा लगातार सातवीं बार सत्ता में बने रहने की कोशिश कर रही है। यदि यह सफल होता है, तो यह 2011 तक लगातार सात बार पश्चिम बंगाल चुनाव जीतने वाली वाम मोर्चा सरकार के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेगी।

भाजपा, कांग्रेस और आप के अलावा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), समाजवादी पार्टी (सपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) सहित 36 अन्य राजनीतिक दलों ने भी विभिन्न सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।

पहले चरण के चुनाव में तीन गांवों के मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार किया जिनमें जामनगर जिले का धरफा गांव, नर्मदा जिले का समोट और भरुच जिले का केसर गांव शामिल है।

पहले चरण में तकनीकी खामी की वजह से 89 मतपत्र यूनिट, 82 कंट्रोल यूनिट और 238 वेरीफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) को बदला गया।

पहले चरण में कुल 26,269 बैलेट यूनिट, 25,430 कंट्रोल यूनिट और 25,430 वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया।

आयोग ने बताया कि मतदान के दौरान कुल 104 शिकायतें मिली जिनमें छह ईवीएम में खराबी, दो फर्जी मतदान, 30 कानून व्यवस्था, 36 आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और 30 धीमे मतदान, फर्जी मतदान और बिजली आपूर्ति बाधित होने जैसी शिकायतें थीं।

आयोग ने बताया कि धरफा गांव के मतदाता महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग मतदान बूथ नहीं बनाए जाने से नाराज थे। उन्होंने बताया कि केसर गांव के लोगों ने मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने की वजह से मतदान का बहिष्कार किया। नर्मदा जिले के देडियापाडा के अंतर्गत आने वाले समोट गांव के कुल 1,625 मतदाताओं ने गांव की कृषि भूमि के नियमित करने के मुद्दे पर मतदान का बहिष्कार किया।

भाषा धीरज माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)